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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersदेश की सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट एक
इमेज कॉपीरइटReuters
देश की सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित इस ख़बर में लिखा है कि जिन दो जजों के नाम सरकार ने वापस कर दिए थे उन्हीं दोनों जजों के नाम सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने दोबारा सरकार के पास भेज दिए है.
ये दोनों जज हैं अनिरुद्ध बोस और ए एस बोपन्ना. सरकार ने इस आपत्ति के साथ ये दोनों नाम लौटाए थे कि इन दोनों न्यायाधीशों से वरिष्ठ कई दूसरे जज अन्य उच्च अदालतों में सेवारत हैं.
अख़बार लिखता है कि इसके दो नामों के साथ ही कोलेजियम ने दो और जजों के नाम सरकार के पास भेजे हैं. ये जज हैं बीआर गवई और सूर्यकांत.
सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की अध्यक्षता करने वाले चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने चारों नाम भेजते हुए कहा है कि क्या इन सभी को शीर्ष अदालत में शामिल किया जा सकता है. क्योंकि अभी सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 27 है.
इमेज कॉपीरइटReuters'छुट्टी बिताने कोई एयरक्राफ़्ट में क्यों जाएगा'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांधी परिवार पर और विशेषकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सिलसिले में किए गए ज़ुबानी हमले के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष और राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी ने जवाब दिया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में एक चुनावी जनसभा में कहा था कि राजीव गांधी ने सेना के आईएनएस विराट को अपनी निजी टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया और अपने परिवारवालों के साथ उसमें छुट्टियां बिताईं.
इसके जवाब में राहुल गांधी ने एक साक्षात्कार में कहा कि आख़िर कोई सेना के एयरक्राफ़्ट में छुट्टी बिताने क्यों जाएगा, वह कोई क्रूज़ जहाज़ तो है नहीं.
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार राहुल गांधी ने कहा, ''नरेंद्र मोदी मेरे परिवार के प्रति नफ़रत रखते हैं. वो हर वक़्त मेरे परिवार के बारे में सोचते रहते हैं. इतना तो मैं भी अपने पिता-दादी और दादा को याद नहीं करता जितना मोदी उन्हें याद करते हैं.''
इमेज कॉपीरइटGetty Images
रफ़ाल मामले पर हलफ़नामा
रफ़ाल मामले पर झूठी जानकारी देने के आरोप को केंद्र ने ग़लत बताया है. हिंदुस्तान में प्रकाशित इस समाचार के अनुसार केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा देकर कहा कि याचिकाकर्ता ने चुनी हुई मीडिया रिपोर्ट्स और अधूरी आंतरिक फ़ाइलें अवैध तरीक़े से हासिल की है.
वहीं इसी से जुड़ी ख़बर जनसत्ता में प्रकाशित हुई है जिसमें बताया गया है कि याचिकाकर्ताओं ने जवाबी हलफ़नामे में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि रफ़ाल सौदे पर सरकार ने कई अहम चीज़ें छिपाईं हैं.
इन याचिकाकर्ताओं में दो पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के अलावा वकील प्रशांत भूषण शामिल हैं.
सरकार न्यायपालिका में हस्तक्षेप कर रही है : जस्टिस चेलमेश्वर
जज की नियुक्ति के ख़िलाफ़ पूर्व जज की राष्ट्रपति को चिट्ठी
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