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एब्स्ट्रैक्ट:पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 'भ्रष्टाचारी नंबर वन' बताने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर चुना
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 'भ्रष्टाचारी नंबर वन' बताने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर चुनावी रैली में राजीव गांधी पर निशाना साधा.
इस बार जगह थी दिल्ली का रामलीला मैदान. बुधवार को राजधानी में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जब वो कांग्रेस के कारनामों का खुलासा करते हैं तो वो (कांग्रेस) गुस्सा क्यों हो जाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो गांधी परिवार युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग ''निजी टैक्सी'' के रूप में करता था.
राजधानी में सात संसदीय सीटों के लिए 12 मई को होने वाले चुनाव से पहले यहां अपनी पहली रैली में मोदी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने छु्ट्टियों के लिए युद्धपोत का उपयोग कर इसका अपमान किया.
मोदी ने इससे पहले राजीव गांधी पर आरोप लगाया था कि उनका अंत 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' के रूप में हुआ.
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नरेंद्र मोदी ने कहा
क्या आपने कभी सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाए? आप इस सवाल पर हैरान मत होइए. ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है. कांग्रेस के सबसे बड़े इस नामदार परिवार ने देश की आन-बान-शान आईएनएस विराट का अपनी पर्सनल टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था. ये बात तब की है जब राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे और 10 दिन के लिए छुट्टियां मनाने निकले थे. आईएनएस विराट उस समय समुद्री सीमाओं की रखवाली के लिए तैनात था, लेकिन उसे छुट्टियां मनाने जा रहे गांधी परिवार को लेने के लिए भेज दिया गया. उसके बाद उनके पूरे कुनबे को लेकर आईएनएस विराट एक ख़ास द्वीप पर रुका....10 दिन तक रुका रहा. राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों में उनकी ससुराल वाले भी शामिल थे. सवाल ये कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया था कि नहीं? या सिर्फ़ इसलिए कि वो राजीव गांधी थे और उनके ससुराल वाले थे....इटली से आए थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि राजीव गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार और नौसेना ने उनके परिवार और ससुराल पक्ष की मेजबानी की और उनकी सेवा में एक हेलिकॉप्टर को लगाया गया था.
क्या था मामला
नरेंद्र मोदी ने 21 नवंबर 2013 को प्रकाशित इंडिया टुडे की खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि क्या कोई कभी ये कल्पना कर सकता है कि भारतीय सैन्य बलों का प्रमुख युद्धपोत को निजी छुट्टियों के लिए टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है?
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विमान वाहक आईएनएस विराट को भारतीय नौसेना में 1987 में सेवा में लिया गया था. करीब 30 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद 2016 में इसे सेवा से अलग किया गया.
मोदी ने जिस ख़बर का हवाला दिया है उसके मुताबिक ये द्वीप लक्षद्वीप के 36 द्वीपों में से एक है और इसका नाम है बंगाराम. यह द्वीप पूरी तरह निर्जन है और तकरीबन आधा वर्गकिलोमीटर इलाके में फैला है.
इस द्वीप का चुनाव भी काफ़ी सोच-समझकर किया गया था, यहाँ विदेशी नागरिकों के आने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी. लक्षद्वीप के तत्कालीन पुलिस प्रमुख पीएन अग्रवाल ने कहा कि बंगाराम द्वीप बेहद सुरक्षित और दुनिया से कटा हुआ इलाका है. यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से सुरक्षित है.
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खबर के मुताबिक इसमें जो लोग शामिल थे, वो सभी ख़ुद इतने हाईप्रोफ़ाइल थे कि यह ख़बर दब न सकी. राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया गांधी की मां, उनके भाई और मामा शामिल थे. इस दौरे में राजीव गांधी के करीबी मित्र अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन और तीन बच्चे भी शामिल थे. इन बच्चों में अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी भी शामिल थी.
राजीव और सोनिया गांधी 30 दिसंबर 1987 को दोपहर में ही इस खूबसूरत द्वीप पर पहुँच गए थे, जबकि अमिताभ बच्चन एक दिन बाद कोचीन-कावारत्ती हेलीकॉप्टर उड़ान से वहाँ पहुँचे थे.
बंगाराम द्वीप पर अमिताभ बच्चन की यात्रा की खबर को दबाने की कोशिश की गई थी, लेकिन कावारत्ती के छोटे से द्वीप में अमिताभ की मौजूदगी उस वक्त जाहिर हो गई जब अमिताभ के हेलीकॉप्टर को बंगाराम से कुछ दूर कारावत्ती में ईंधन भरवाने के लिए उतरना पड़ा.
बाद में अमिताभ जब छुट्टियां मनाकर वापस लौट रहे थे तो कोचीन एयरपोर्ट पर इंडियन एक्सप्रेस के एक फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीर ले ली. अमिताभ इसे लेकर नाराज़ भी हुए और फोटोग्राफ़र को चेतावनी भी दी थी.
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