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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Images/Facebook/JayaPradaसमाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान के रविवार को रामपुर में
इमेज कॉपीरइटGetty Images/Facebook/JayaPrada
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान के रविवार को रामपुर में एक चुनावी सभा के दौरान कथित तौर पर जया प्रदा के बारे में की गई एक टिप्पणी को लेकर विवाद हो गया है.
ख़ान ने कहा है, “रामपुरवासियों को जिन्हें समझने में 17 साल लगे, उन्हें मैंने 17 दिन में ही पहचान लिया था कि उनकी अंडरवियर का रंग ख़ाकी है.”
आज़म ख़ान के इस बयान का राष्ट्रीय महिला आयोग और सुषमा स्वराज समेत देश की तमाम वरिष्ठ महिला नेताओं ने विरोध किया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने आज़म ख़ान को नोटिस जारी करते हुए इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है.
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इसके साथ ही उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @rampurpolice
इस संबंध में थाना शाहबाद पर मु0अ0सं0 - 221/19 धारा 509 भादवि व 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम बनाम मौ0 आजम खां पंजीकृत विवेचना प्रचलित
— Rampur police (@rampurpolice) 15 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @rampurpolice
जया प्रदा ने इस मामले पर टिप्पणी देते हुए कहा है कि आज़म ख़ान की उम्मीदवारी रद्द होनी चाहिए क्योंकि अगर वह चुनाव जीत जाते हैं तो इससे समाज में महिलाओं की स्थिति ख़राब होगी.
छोड़िए यूट्यूब पोस्ट BBC News Hindi
चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.
पोस्ट यूट्यूब समाप्त BBC News Hindi
इमेज कॉपीराइट BBC News HindiBBC News Hindi
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी राजनेताओं से लेकर आम लोग आज़म ख़ान के बयान पर अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं.
वहीं, इस सबके बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर किसी तरह का बयान देने की जगह आज़म ख़ान के साथ हाथ मिलाते हुए ट्विटर पर तस्वीरें साझा की हैं.
इमेज कॉपीरइटFacebook/SamajwadiPartyक्या बोलीं जया प्रदा?
जया प्रदा ने इस मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा है, “उनके लिए ये कोई नई बात नहीं है. 2009 में मैं उन्हीं की पार्टी में प्रत्याशी थी. पार्टी में होते हुए भी अखिलेश ने मेरा समर्थन नहीं किया था जब मेरे ऊपर इस तरह की टिप्पणी हुई थी. आज़म ख़ान साहब को आदत है. वो आदत से मजबूर हैं. अगर वो ऐसी टिप्पणी नहीं करते हैं तो वो एक नई बात होगी.”
“लेकिन बात ये है कि इनका स्तर कितना गिर गया है. वह लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. मैं एक महिला हूं और जो टिप्पणी मेरे ऊपर की गई है, उसे मैं अपने मुंह से बोल भी नहीं सकती हूं. इस बार इन्होंने हद पार कर दी है. मेरी क्षमता ख़त्म हो गई है. अब मेरे लिए वो भाई नहीं है और कुछ भी नहीं हैं. मैंने ऐसी कौन सी बात कर दी है कि वो इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं. लेकिन उसके ऊपर एफ़आईआर भी हुई है जिसका मतलब ये है कि ये मामला जनता तक पहुंचा है. मैं चाहती हूं कि चुनाव से इसकी उम्मीदवारी रद्द करनी चाहिए. क्योंकि अगर ये व्यक्ति चुनाव जीत गया तो समाज में महिलाओं को स्थान भी नहीं मिलेगा.”
चुप क्यों हैं अखिलेश?
आज़म ख़ान की इस टिप्पणी के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके लिखा है, “मुलायम भाई - आप पितामह हैं समाजवादी पार्टी के. आपके सामने रामपुर में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा हैं. आप भीष्म की तरह मौन साधने की ग़लती मत करिये.”
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @SushmaSwaraj
मुलायम भाई - आप पितामह हैं समाजवादी पार्टी के. आपके सामने रामपुर में द्रौपदी का चीर हरण हो रहा हैं. आप भीष्म की तरह मौन साधने की गलती मत करिये. @yadavakhilesh Smt.Jaya Bhaduri, Mrs.Dimple Yadav.pic.twitter.com/FNO5fM4Hkc
— Chowkidar Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) 15 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @SushmaSwaraj
सोशल मीडिया से लेकर टीवी स्क्रीन पर छाए इस विवाद के दौरान अखिलेश यादव ने अपनी रामपुर रैली की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं.
इमेज कॉपीरइटTwitter/Akhilesh Yadav
सोशल मीडिया यूज़र्स ने इन्हीं तस्वीरों को जारी करने पर अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है.
लेखिका अद्वैता काला लिखती हैं, “अखिलेश यादव ने आज़म ख़ान की महिलाओं के ख़िलाफ़ टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने गर्व के साथ अपनी उपस्थिति को ज़ाहिर किया है जब ये बयान दोबारा दोहराया न जा सकने वाला बयान दिया गया है. अब राष्ट्रीय महिला आयोग और चुनाव आयोग से उम्मीद है. नेतृत्व से कोई उम्मीद नहीं है.”
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @AdvaitaKala
Akhilesh Yadav does have a response to Azam Khan's mysogyny - he proudly displays his presence when this vile and unrepeatable comment was made.
Up to NCW and the Election Commission to take action, no hope from the leadership. https://t.co/LfSoui5sKM
— Advaita Kala / अद्वैता काला (@AdvaitaKala) 15 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @AdvaitaKala
कौस्तुभ मिश्रा नाम के ट्विटर यूज़र लिखते हैं, “शर्म आनी चाहिए आपको अब तक आपने माफ़ी तक नहीं मांगी और कैसे बेशर्मी से आप ट्वीट कर रहे हो. ये है सपा बसपा जैसे छोटे दलों की लालची सोच”.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @iKaustubhMishra
शर्म आनी चाहिए आपको अब तक आपने माफी तक नही मांगी और कैसे बेशर्मी से आप ट्वीट कर रहे हो। ये है सपा बसपा जैसे छोटे दलों की लालची सोच https://t.co/XrUrNufjDN
— Kɑuรtuɓɦ Ɱiรɦʀɑ (@iKaustubhMishra) 15 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @iKaustubhMishra
सोशल मीडिया पर कई कांग्रेस समर्थक ट्विटर यूज़र्स ने भी अखिलेश को आड़े हाथों लिया है.
एक ऐसे ही ट्विटर यूज़र विवेक सिंह कहते हैं, “भइया जी, थोड़ा समझाओ, आज़म ख़ान जी को. दिमाग़ ठिकाने रखकर बोला करें. मुझे नहीं लगता कि रामपुर या देश को आज़म ख़ान की ज़रूरत है. हम सभी औरत की कोख से जन्मे हैं...ये हमें भूलना नहीं चाहिए. जया प्रदा विरोधी हो सकती हैं लेकिन वह भी एक नारी हैं.”
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @vivekINCfanclub
Bhaiyaji thoda samjhao azam khan ji ko ki dimag thikane rakh k bola karein...mjhe nhi lagta ki rampur ya desh ko azam khan jaiso ki jrurat hai.
Ham sabhi aurat ki कोख se janam lete hai ye humlogo ko bhulna nhi chahiye.
Jayapradaji virodhi ho sakti hain lekin ek nari bhi hain wo. https://t.co/9C4VIRbTkf
— Vivek Singh (@vivekINCfanclub) 15 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @vivekINCfanclub
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @maya_25may
अपनी माँ बहने के साथ भी यही भाषा का प्रयोग करते है आज़म खान को इतनी इज्जत दे रहे है @yadavakhilesh https://t.co/OsgSk2noyh
— maya mishra (@maya_25may) 15 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @maya_25may
वहीं, ट्विटर यूज़र माया मिश्रा लिखती हैं, “अपनी माँ बहन के साथ भी यही भाषा का प्रयोग करते हैं, आज़म खान को इतनी इज़्ज़त दे रहे है @yadavakhilesh”
हालांकि, आजम ख़ान ने ये बयान देने से इनकार किया है.
इमेज कॉपीरइटFacebook/SamajwadiPartyक्या कहती है समाजवादी पार्टी?
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने बीबीसी को बताया है, “हमारी पार्टी चाहती थी कि इस मुद्दे पर आज़म ख़ान अपना बयान दें और उन्होंने अपना बयान दे दिया है. ऐसे में फ़िलहाल हमारे लिए ये मुद्दा ख़त्म हो चुका है. आने वाले दिनों में जब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे तब पत्रकार बंधू उनसे सवाल कर सकते हैं कि उनका व्यक्तिगत रूप से इस बारे में क्या सोचना है.”
जब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी से आज़म ख़ान की उम्मीदवारी काटे जाने की मांग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसी किसी मांग को स्वीकार करने नहीं जा रही है.
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।
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