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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटPTIचुनाव के इतिहास में तेलुगू राज्य में अब तक कभी भी देर रात तक वोट डालने का ज़िक्र नहीं
इमेज कॉपीरइटPTI
चुनाव के इतिहास में तेलुगू राज्य में अब तक कभी भी देर रात तक वोट डालने का ज़िक्र नहीं आया था.
लेकिन 11 अप्रैल 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान आंध्र प्रदेश में 14 जगहों पर आधी रात तक मत डाले गए.
आधी रात तक वोट डाले जाने की बात मानते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी गोपालकृष्ण द्विवेदी ने बीबीसी तेलुगू से कहा, “ईवीएम के ख़राब होने की घटनाओं में भी इस बार कमी आई है और पहले की तुलना में क़ानून-व्यवस्था में भी सुधार हुआ है.”
द्विवेदी ने बीबीसी से कहा, “यह ईवीएम के ख़राब होने के कारण नहीं हुआ. मैं आपको वास्तविकता विस्तार से बताता हूं.”
उन्होंने कहा, “जो लोग शाम 6 बजे तक कतार में थे उन्हें वोट डालने दिया गया. कई मतदान केंद्रों पर शाम 6 बजे भी लंबी कतारें लगी हुई थीं. हमने उन्हें चुनावी पर्ची दी और मतदान जारी रखा. हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर रहे हैं कि कुछ मतदान केंद्रों पर देर रात तक मत डाले गए.”
द्विवेदी ने कहा, “लोगों ने लंबे समय तक कतार में खड़े रह कर अपना मत डाला, यह प्रजातंत्र की जीत है. बीती रात को जो हमने मतदान प्रतिशत जारी किए थे वो अस्थायी संख्या थी. हम 2014 के मत प्रतिशत से भी इसकी तुलना करेंगे. नंबर मिलते ही आपको सच्चाई का पता चल जाएगा. वास्तव में यह विश्वास का प्रतीक है कि वोटिंग प्रतिशत 80 फ़ीसदी तक पहुंच गया है.”
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इमेज कॉपीरइटReutersतकनीकी खामी
द्विवेदी ने कहा, “देश भर में एक से तीन फ़ीसदी ईवीएम में खामियां आईं. यहां भी यह तीन फ़ीसदी से कम थीं. हां, कुछ ईवीएम ख़राब हुए. ऐसा कहीं भी, कभी भी और किसी भी चुनाव में हो सकता है.”
“इस बार चुनाव में अधिक मशीनें लगाई गई हैं. वीवीपैट, कंट्रोल यूनिट और डीयू भी लगाए गए हैं. कुछ जगहों पर इन्होंने दो-तीन बार काम करना बंद कर दिया. लेकिन हमने जल्द ही उन्हें दुरुस्त कर लिया.”
आंध्र प्रदेश के डीजीपी का बयान
आंध्र प्रदेश के डीजीपी कार्यालय ने इस पर एक बयान जारी किया.
इसमें कहा गया है, “पुलिसबल की संख्या 2014 की तुलना में कम होने के बावजूद चुनाव के दौरान वारदात की घटनाओं में 50 फ़ीसदी की कमी आई है. 2014 में छह लोगों की मौत हुई थी, इस बार दो की हुई है. माओवादियों के प्रभाव वाले गांवों में इस बार 140 ड्रोन कैमरा, बॉडी कैमरा वगैरह लगाए गए थे. 2014 में सीआरपीएफ़ की 295 कंपनियां लगाई गई थीं जबकि इस बार इनकी संख्या महज 195 थीं. 2014 में 28 हज़ार पुलिसकर्मी तेलंगाना से आए थे लेकिन इस बार वहां भी चुनाव था. लिहाजा कोई भी पुलिसकर्मी वहां से नहीं आया था.”
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इमेज कॉपीरइटGetty Imagesदेरी क्यों हुई?
देरी के कई कारण बताए गए.
गुंटुर, कृष्णा, नेल्लोर, कुरनूल ज़िले में देरी सबसे ज़्यादा हुई. 267 पोलिंग बूथ पर मत रात 10 बजे तक डाले गए.
ईवीएम में ख़राबी. कनेक्टिविटी और अन्य कारणों से इस बार ईवीएम में गड़बड़ी हुई. इन्हें दोपहर तक ही ठीक किया जा सका या बदला जा सका.
क़रीब 400 जगहों पर ईवीएम के ख़राब होने की रिपोर्ट आई और इससे मतदान में 3 से 4 घंटे की देरी हुई.
चुनाव के दौरान हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गई. 25 जगहों पर लोगों के बीच झड़प की आधिकारिक पुष्टि की गई है.
अहोबिलम, रपटडू, नरसरावोपेटा, पुतलपट्टु, सिंगानमाला, सतेनापल्ली, तदिपत्री, चंद्रगिरि, गुरजला, थम्बलपल्ले, गुंटाकल निर्वाचन क्षेत्रों से झड़प की घटनाओं की रिपोर्ट की गई.
जब भी कहीं छोटे या बड़े स्तर पर झड़प की घटनाएं होती हैं तो मतदान को रोका दिया जाना आम बात है.
साथ ही पोलिंग बूथ के बाहर नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की वजह से भी इसमें व्यावधान पड़ा.
पहले मतदान 5 बजे तक संपन्न हो जाया करता था. लेकिन इस बार इसे छह बजे तक बढ़ा दिया गया था. चुनाव के नियमों के मुताबिक जो भी इस समयावधि के दौरान मतदान केंद्र तक पहुंचे सभी लोगों को मतदान का अवसर दिया जाता है.
शाम के दौरान मतदान देने के लिए अधिक संख्या में लोगों का पहुंचना. सुबह के वक्त मतदान के लिए लंबी कतारें देखी गईं. दोपहर के दौरान लोगों की संख्या कम हो गई. दोपहर 1 बजे तक केवल 40 फ़ीसदी लोगों के मत डालने की आधिकारिक पुष्टि की गई. शाम के वक्त दोबारा मतदान के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला बढ़ गया. शाम चार से छह बजे के बीच कई लोग मतदान के लिए पहुंचे.
हैदराबाद या अन्य जगहों से सफर कर अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करने लोग देरे से पहुंच सके.
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छोड़िए ट्विटर पोस्ट @PIB_India
As per available data till now, #VoterTurnout percentage from 18 States & 2 UT's that went to Polls on 11th April 2019, in #FirstPhase of #GeneralElections2019, has recorded a figure of 69.43%
Read More: https://t.co/MjeaXuRSXV pic.twitter.com/kJGwaiNj9m
— PIB India (@PIB_India) 13 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @PIB_India
हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बयान जारी कर बताया कि ईवीएम की ख़राबियों को मतदान केंद्रों पर ही ठीक कर लिया गया था
गोपालकृष्ण द्विवेदी ने टीडीपी की उस दलील को ख़ारिज कर दिया कि क़रीब 30 फ़ीसदी ईवीएम में ख़राबी की रिपोर्ट हुई.
उन्होंने स्पष्ट किया कि 90 हज़ार ईवीएम में से कुल 400 में ख़राबी आई थी. उन्होंने यह भी साफ़ किया कि ख़राबियों को तत्काल प्रभाव से दुरुस्त कर लिया गया था.
दूसरी तरफ तेलुगूदेशम पार्टी लगातार चुनाव आयोग की आलोचना करती रही कि मतदान केंद्रों पर उसकी व्यवस्था में खामियां हैं.
इन खामियों को लेकर मंगलागिरि में पार्टी के कैबिनेट मंत्री नारा लोकेश रात 9 बजे धरना पर बैठ गए तो चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वो ईवीएम की ख़राबियों की बात को आगे पहुंचाने के लिए दिल्ली रवाना हो रहे हैं.
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