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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटOlivier Guiberteauबग़ावत की एक चिंगारी ही शोला बन जाती है. और अगर कोई बग़ावत कामयाब न भी
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बग़ावत की एक चिंगारी ही शोला बन जाती है. और अगर कोई बग़ावत कामयाब न भी हुई, तो वो तारीख़ के पन्नों में सुनहरे हर्फ़ों में दर्ज हो जाती है.
ऐसी ही एक चिंगारी छुपी हुई है, बुलंद इमारतों के शहर न्यूयॉर्क में. यूं तो दुनिया न्यूयॉर्क को ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए जानती है. आपको शहर का मुआयना करना है, तो सिर उठा कर चलना होगा.
पर, बग़ावत की एक चिंगारी का दीदार करने के लिए आप को अर्श नहीं, फ़र्श की तरफ़ निहारना होगा.
न्यूयॉर्क के ग्रीनविच विलेज में सड़कें बेतरतीब हैं. ख़ास तौर से यहां के 110 सेवेंथ एवेन्यू साउथ में कई सिम्त से आती सड़कें एक जगह मिलती हैं.
पहली नज़र में ये न्यूयॉर्क की कोई आम सी जगह मालूम होती है. सड़कों से गुज़रती हुई टैक्सियां देख कर पता नहीं चलता कि यहां कोई ऐतिहासिक स्मारक भी हो सकता है. पास ही स्थित वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की बुलंद इमारत दिखती है. पास ही स्थित स्टारबक्स की दूसरी तरफ़ विलेज सिगार्स नाम की दुकान है.
इसके सामने लगा है एक तिकोना पत्थर. हो सकता है कि यहां से गुज़रते हुए आपको इसकी मौजूदगी का पता ही न चले. स्याह-सफ़ेद टाइलों से बना ये स्मारक अलग सा तो नहीं दिखता. और फिर इसका कुल दायरा है महज़ दो वर्ग फुट. ऐसे में भला किसकी नज़र इस पर पड़ेगी.
इस पर लिखा है कि, 'हेस परिवार की संपत्ति है, जिसने ख़ुद को कभी भी हुक्मरानों के हवाले नहीं किया.'
ग्रीनविच विलेज सोसाइटी फॉर हिस्टोरिक प्रेज़र्वेशन के एंड्र्यू बर्मन कहते हैं कि ये छोटा सा पत्थर सार्वजनिक हितों के आगे निजी संपत्ति की क़ुर्बानी न देने के संघर्ष का प्रतीक है.
आज से क़रीब एक सदी पहले ग्रीनविच विलेज की आबादी तेज़ी से बढ़ने लगी थी. मैनहट्टन से लगा होने की वजह से इस गांव में जल्द ही सड़कों और दूसरी सुविधाओं का जाल बिछाने की ज़रूरत महसूस हुई.
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इमेज कॉपीरइटOlivier Guiberteau253 इमारतों को ढहा गया था
सरकारी दस्तावेज़ों के मुताबिक़ जहां ये पत्थर लगा है, वो जगह वोरहेस एस्टेट के नाम से लॉट नंबर 55 के तौर पर दर्ज थी.
बीसवीं सदी की शुरुआत में न्यूयॉर्क शहर तेज़ी से तरक़्क़ी कर रहा था. ग्रीनविच गांव के पास बना पेन रेलवे स्टेशन हडसन नदी के नीचे बनी सुरंग से शहर के दूसरे हिस्से को जोड़ता था. इसके ज़रिए बड़ी तादाद में लोग आवाजाही करते थे. इसीलिए सेवेंथ एवेन्यू इलाक़े के बुनियादी ढांचे के विस्तार का फ़ैसला किया गया.
न्यूयॉर्क टाइम्स की अक्टूबर 1913 की रिपोर्ट कहती है कि इस निर्माण कार्य के लिए 253 इमारतों को ढहाने का फ़ैसला किया गया, ताकि नई और चौड़ी सड़क बनाई जा सके.
गिरायी जाने वाली इमारतों में वोरहेस की बिल्डिंग भी शामिल थी. इसके मालिक फ़िलाडेल्फ़िया के डेविड हेस थे.
सार्वजनिक हित के लिए निजी संपत्तियों के अधिग्रहण का क़ानून न्यूयॉर्क ने संविधान संशोधन के ज़रिए बनाया था. अमरीकी संविधान में पांचवें संशोधन के मुताबिक़, सरकार स्कूल, अस्पताल और दूसरे सार्वजनिक निर्माण कार्य के लिए किसी भी नागरिक की संपत्ति को अपने क़ब्ज़े में ले सकती थी.
लेकिन डेविड हेस के परिवार ने अपनी ज़मीन, सरकार को देने से मना कर दिया. मुक़दमा चला और बड़ी अदालत तक गया. आख़िरकार हेस परिवार हार गया और उसे वोरहेस इमारत सरकार के हवाले करनी पड़ी. 1913 में उसे गिरा दिया गया. आज सेवेंथ एवेन्यू के विस्तार वाली सड़क ठीक उसी जगह से गुज़रती है, जहां कभी वोरहेस बिल्डिंग हुआ करती थी.
क़िस्सा इसके साथ ही ख़त्म हो जाना चाहिए था. पर, ऐसा हुआ नहीं.
अगर आप 1916 के न्यूयॉर्क के नक़्शे को बारीक़ी से देखें, तो आप को छोटा सा तिकोना पत्थर नज़र आएगा. ये ग्रीनविच विलेज के लॉट नंबर 55 का बचा-खुचा हिस्सा है. 1916 तक क़ानूनी रूप से ये हेस परिवार की संपत्ति थी.
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इमेज कॉपीरइटOlivier Guiberteauआख़िर ये छोटी सी जगह क्यों छूट गई?
इस सवाल के कई जवाब मिलते हैं. कोई कहता है कि सरकारी अफ़सरों की ग़लती से ऐसा हुआ. बाद में सरकार ने हेस परिवार से दो वर्ग फुट के इस टुकड़े को दान करने को कहा. पर हेस परिवार इसके लिए भी राज़ी नहीं हुआ, जबकि इतने छोटे से ज़मीन के टुकड़े की कोई क़ीमत नहीं थी. मामला फिर अदालत में गया. इस बार अदालत ने इस ज़मीन को हेस परिवार के पास ही रहने देने का फ़ैसला सुनाया.
हालांकि 29 जुलाई 1922 के द फिलाडेल्फ़िया लेजर के मुताबिक़ न्यूयॉर्क के प्रशासन ने हेस परिवार से इस ज़मीन का संपत्ति कर चुकाने को कहा था. लेकिन डेविड हेस के बेटे फ्रैंक हेस ने कहा कि उन्हें इस ज़मीन के बारे में कुछ पता नहीं.
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हालांकि हमें ये मालूम है कि ये तिकोनी टाइल यहां 26 जुलाई 1922 को लगाई गई. न्यूयॉर्क टाइमस के एक लेख के मुताबिक़ इस पर 100 डॉलर का टैक्स बकाया है.
विलेज सिगार नाम की दुकान से हुए समझौते में फ्रैंक हेस इस बात पर राज़ी हुए कि ये तिकोनी जगह एक निजी संपत्ति है, जिसे उन्होंने विलेज सिगार को एक हज़ार डॉलर में बेचा. आज ये रक़म 17 हज़ार 500 डॉलर बैठती है.
1922 से लेकर अब तक ये छोटी सी जगह जस की तस रखी गई है.
कुछ लोग ये दावा करते हैं कि ख़ुद डेविड हेस ने मालिकाना हक़ का मुक़दमा लड़ा था. जबकि ये सच नहीं है.
एंड्रयू बर्मन कहते हैं कि महज़ 2 वर्ग फुट की ये जगह वो चिंगारी है, जिसने न्यूयॉर्क के ताक़तवर प्रशासन से लोहा लिया था.
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