简体中文
繁體中文
English
Pусский
日本語
ภาษาไทย
Tiếng Việt
Bahasa Indonesia
Español
हिन्दी
Filippiiniläinen
Français
Deutsch
Português
Türkçe
한국어
العربية
एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesबिहार में आख़िरकार महागठबंधन ने अपनी सीटों की घोषणा कर दी है. शुक्रवार को प
इमेज कॉपीरइटGetty Images
बिहार में आख़िरकार महागठबंधन ने अपनी सीटों की घोषणा कर दी है.
शुक्रवार को पटना में महागठबंधन की तरफ़ से हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राजद की ओर से राज्य सभा सांसद मनोज झा और कांग्रेस की तरफ़ से प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने हिस्सा लिया.
पहले कहा गया था कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आना था लेकिन वो नहीं आए.
मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव और गठबंधन के दूसरे बड़े नेता बाद में प्रेस से बात करेंगे.
राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्व ने सीटों की घोषणा करते हुए कहा कि राजद 20, कांग्रेस 9, आरएलएसपी 5, हम 3, वीआईपी 3 सीटों पर लडेंगे.
आरएलएसपी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा हैं जो हाल तक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा थे और केंद्रीय राज्य मंत्री थे. पिछले साल एनडीए छोड़कर उन्होंने बिहार के महागठबंधन का हिस्सा बनने का फ़ैसला किया था.
एनडीए में 2014 में उन्हें तीन सीटें मिली थीं लेकिन इस बार महागठबंधन ने उन्हें पांच सीटें दी हैं. उन्हें कौन सी पांच सीटें मिली हैं अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है.
इमेज कॉपीरइटPTI
उपेंद्र कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं. कुर्मी और कोइरी समाज कुल मिलाकर लगभग 8-9 फ़ीसदी हैं और उन्हें अक्सर एक साथ जोड़कर देखा जाता है. अब जबकि उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हो गए हैं तो ये देखना दिलचस्प होगा कि वो अपने समाज का कितना वोट ला पाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समाज से आते हैं.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं. जीतन राम मांझी 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बने थे जब नीतीश कुमार ने लोकसभा में अपनी पार्टी जनता दल-यू के ख़राब प्रदर्शन के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था और उस समय जेडी-यू के हिस्सा रहे मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था. लेकिन बाद में मांझी और नीतीश के संबंध ख़राब हो गए और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया.
इमेज कॉपीरइटGetty Images
मांझी ने फिर अपनी पार्टी बनाई और 2015 के विधान सभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा थे लेकिन उनका प्रदर्शन बहुत ही ख़राब रहा. बाद में वो भी एनडीए छोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बन गए.
वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी हैं जो ख़ुद को 'सन ऑफ़ मल्लाह' कहलाना पसंद करते हैं. मल्लाह और निषाद समाज में उनका कुछ प्रभाव है लेकिन उनको महागठबंधन से तीन सीट मिलना उनकी बड़ी सफलता मानी जा रही है.
राजद कोटा से सीपीआई(माले) को एक सीट दी गई है. लेकिन ये साफ़ नहीं है कि माले को कौन सी सीट दी गई है.
इससे ये भी साफ़ हो गया है कि सीपीआई इस गठबंधन में शामिल नहीं है यानी अब कन्हैया कुमार को गठबंधन से टिकट नहीं मिलेगा.
इमेज कॉपीरइटGetty Images
सीपीआई के बिहार प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि सीपीआई को गठबंधन में शामिल नहीं किया गया है लेकिन कन्हैया कुमार उनकी पार्टी की तरफ़ से बेगुसराय से चुनाव लड़ेंगे. कन्हैया कुमार की तरफ़ से फ़िलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.
11 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा कर दी गई है.
गया से जीतन राम मांझी, नवादा से राजद की विभा देवी, जमुई से आरएलएसपी के भूदेव चौधरी, औरंगााबाद से हम के उपेंद्र प्रसाद चुनाव लड़ेंगे.
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।