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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटEPAImage caption प्रतीकात्मक तस्वीर इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ 26 फरवर
इमेज कॉपीरइटEPAImage caption प्रतीकात्मक तस्वीर
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट पर भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के कुछ घंटों अंदर पाकिस्तान सेना इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के मदरसे से छात्रों को निकाला था और घर भेजने से पहले कुछ दिनों तक एक सेफ हाउस में रखा था.
अख़बार लिखता है कि मदरसे में मौजूद एक छात्र के रिश्तेदार ने उन्हें ये जानकारी दी है. हवाई हमले का निशाना रहे जैश-ए-मोहम्मद के इस तलीम-उल-कुरान नाम के मदरसे से पहली बार सीधे किसी छात्र के हवाले से जानकारी सामने आई है.
बालाकोट के जाबा स्थित जैश के इस कथित प्रमुख ठिकाने को 26 फरवरी को हुई भारतीय हवाई हमले का निशाना बताया जा रहा है.
ख़बर के अनुसार छात्र के रिश्तेदार ने ये भी बताया है कि हवाई हमले से एक हफ़्ते या उससे ज़्यादा वक्त से पाक सेना उस मदरसे की सुरक्षा में लगी थी. अखबार के मुताबिक छात्र ने अपने परिवार वालों को बताया कि 26 फरवरी को तड़के वो कुछ और लोगों के साथ मदरसे के उसी कमरे में सो रहा था, जिसमें 'एक ज़ोरदार धमाके' की वजह से नुकसान पहुंचा था.
रिश्तेदार ने कहा कि छात्र ने उसे बताया है, धमाके की आवाज़ बहुत पास से आई थी."
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इमेज कॉपीरइटSOCIAL MEDIAImage caption भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन पाक ने नहीं लौटाए अभिनंदन के दस्तावेज़ और पिस्तौल
जनसत्ता अखबार में ख़बर है कि पाकिस्तान ने भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करते वक़्त उनकी पिस्तौल और दस्तावेज़ समेत कई सामान नहीं लौटाए हैं.
भारतीय वायु सीमा में प्रवेश करने वाले पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से लड़ते हुए अभिनंदन का विमान क्रैश हो गया था और वो पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में गिर गए थे.
उस दौरान उनके पास कुछ ज़रूरी सामान भी था जिनमें से ज़्यादातर चीज़ें पाकिस्तान ने नहीं लौटाई.
भारत को लौटाए गए जिन सामानों की सूची दी गई है उनमें बंदूक और दस्तावेजों का जिक्र नहीं है. इसके अलावा उनके पास एक बैग और सर्वाइवल किट भी थी. अभिनंदन 1 मार्च को वाघा बॉर्डर से भारत पहुंचे थे.
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इमेज कॉपीरइटTWITTER/OFFICIALDGISPRImage caption भारतीय हमले के बाद यह तस्वीर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट की थी. चरमपं थी शिविर में सक्रिय थे 300 मोबाइल
हिंदुस्तान अख़बार की ख़बर के मुताबिक़ जब भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में स्थित चरमपंथी शिविर पर हमला किया तो उस वक़्त वहां करीब 300 मोबाइल सक्रिय थे. ये आंकड़े ख़ुफ़िया एजेंसियों के दस्तावेज़ों में सामने आए हैं.
नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) ने सर्विलांस के आधार पर इस ख़बर को पुख्ता बताया है. अख़बार के अनुसार एनटीआरओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सर्विलांस तब शुरू किया गया था जब वायुसेना को कार्रवाई की हरी झंडी मिल गई थी.
इसके बाद पूरे इलाके में मैपिंग की गई और वहां मौजूद लोगों के बारे में पुख्ता सूचना इकट्ठी की गई.
भारत सरकार बालाकोट में चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हमले और चरमपंथियों के मारे जाने का दावा कर रही है जबकि पाकिस्तान ने हमले में बहुत कम नुकसान होने की बात कही है.
इमेज कॉपीरइटReutersउड़ान से पहले कहना होगा 'जय हिंद'
हिंदुस्तान की ही एक और ख़बर है कि एयर इंडिया के क्रू सदस्यों को हर उड़ान की घोषणा के बाद पूरे जोश के साथ 'जय हिंद' कहना होगा.
एयर इंडिया के ऑपरेशंस निदेशक अमिताभ सिंह ने सोमवार को एक आधिकारिक परामर्श में ये बात कही है.
कहा गया है कि सभी क्रू मेंबर्स को हर घोषणा के आखिर में थोड़े से अंतराल के बाद और जोश के साथ 'जय हिंद' बोलना होगा.
इसके लिए वजह दी जा रही है कि विमान के कैप्टन के यात्रा के दौरान अपने यात्रियों से जुड़ने के लिए इस शब्द का जबरदस्त असर पड़ेगा.
इससे पहले एयर इंडिया में पायलटों को ऐसे निर्देश दिए जा चुके हैं.
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