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एब्स्ट्रैक्ट:BBC News, हिंदीसामग्री को स्किप करेंसेक्शनहोम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोश
BBC News, हिंदीसामग्री को स्किप करेंसेक्शनहोम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोशलवीडियोहोम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोशलवीडियोअमेरिका चुनावः बाइडन को सत्ता सौंपने के लिए आख़िरकार तैयार हुए डोनाल्ड ट्रंप12 मिनट पहलेइमेज स्रोत, ANGELA WEISS,SAUL LOEB/AFP via Getty Imagesअमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने मान लिया है कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता सौंपने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए.ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि सत्ता हस्तांतरण की निगरानी करने वाली अहम फ़ेडरल एजेंसी जीएसए को वो 'चीज़ें करनी चाहिए जो ज़रूरी हैं'.हालांकि उन्होंने अब भी अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है. दूसरी तरफ़, जनरल सर्विस ऐडमिनिस्ट्रेशन यानी जीएसए ने जो बाइडन को 'विजेता' के तौर पर स्वीकार कर लिया है. ये घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब मिशिगन राज्य में जो बाइडन की जीत की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई थी. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ेंऔर ये भी पढ़ेंअमेरिकी चुनाव 2020: ट्रंप ने पहले कहा- बाइडन विजयी, फिर किया अपनी 'जीत का एलान'अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव कब और कहाँ जाकर ख़त्म होगाअमेरिकी चुनाव: ट्रंप की कॉन्फ़्रेंस को अमेरिकी चैनलों ने बीच में ही रोका, बताया “झूठे बयान”अमेरिका चुनावः आख़िर वो घड़ी आ गई जिसका अमेरिकियों को डर थासमाप्तइस पुष्टि से ट्रंप के उस अभियान को गहरा झटका लगा था जिसमें वो अमेरिका के चुनावी नतीजों को चुनौती दे रहे हैं. जो बाइडन के समर्थकों ने सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होने का स्वागत किया है. जो बाइडन अब 20 जनवरी को शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि ट्रंप के कैंपेन का अब भी कहना है कि वो मिशिगन के चुनावी नतीजों को चुनौती देंगे. हालांकि अब वक़्त धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा है. 14 दिसंबर को अमेरिकी इलेक्टोरल कॉलेज बाइडन की जीत की पुष्टि कर देगा. इमेज स्रोत, REUTERS/Hannah McKayट्रंप ने क्या कहा?सत्ता हस्तांतरण की ज़िम्मेदारी जीएसए की होती है और इसे लेकर ही ट्रंप ने ट्वीट किया है. ट्रंप के ट्वीट से साफ़ है कि उन्होंने जीएसए से कहा है कि वो बाइडन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. ट्रंप ने लिखा है कि उन्होंने जीएसए की ऐडमिनिस्ट्रेटर एमिली मर्फ़ी से कहा है कि उनकी टीम देश हित में शुरुआती औपचारिकताओं के लिए जो हो सकता है करे. ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने अपनी टीम से भी ऐसा ही कहा है.ट्रंप के द्वारा ही नियुक्त एमिली ने कहा है कि उनके ऊपर व्हाइट हाउस से टाइमिंग और फ़ैसले को लेकर कोई दबाव नहीं था. बाइडन को भेजे पत्र में एमिली ने कहा है, “यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मुझे पूरी प्रक्रिया में देरी करने के लिए कोई निर्देश नहीं मिला था. हालांकि मुझे ऑनलाइन धमकियां मिलीं, फ़ोन से और मेल के ज़रिए मुझे डराया गया. मेरे स्टाफ़ को भी धमकी मिली. चाहे मुझे जितनी धमकियां सहनी पड़तीं मैं क़ानून के बाहर नहीं जाती.” बाइडन की टीम ने एमिली के पत्र का स्वागत किया है. बाइडन की टीम ने इस पत्र के जवाब में कहा है, “इस फ़ैसले की ज़रूरत थी ताकि देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उनसे निपटा जा सके. कोरोना महामारी नियंत्रण से बाहर है और अर्थव्यवस्था भी पटरी से नीचे उतर गई है. इस फ़ैसले से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी.”अमेरिकी चुनाव 2020: ट्रंप को क्यों मिला अल्पसंख्यकों का समर्थन जो बाइडन प्रशासन में कौन बनेगा विदेश मंत्री, कौन होगा संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत?इमेज स्रोत, CHANDAN KHANNA/AFP via Getty Imagesक़ानूनी लड़ाईबाइडन की टीम भी औपचारिक हस्तांतरण को लेकर काफ़ी सक्रिय है. सोमवार को बाइडन ने अपनी कैबिनेट की कुछ अहम घोषणाएं कर दी हैं. लेकिन बाइडन के लिए तभी औपचारिकता पूरी होती जब जीएसए उन्हें पत्र भेजता. अब बाइडन की टीम एजेंसियों के ऑफ़िस स्पेस का इस्तेमाल कर सकती है ताकि व्हाइट हाउस में स्टाफ़ की नियुक्ति और कैबिनेट का गठन किया जा सके. हालिया घटनाक्रम से यह भी साफ़ हो गया है कि अब ट्रंप अपनी हार मानने के लिए मजबूर होते दिख रहे हैं और उनकी क़ानूनी लड़ाई किसी मुकाम तक पहुँचती नहीं दिख रही है. ट्रंप कैंपेन ने कई राज्यों में जीत की पुष्टि में देरी करने के लिए अपील दाखिल की थी लेकिन एक-एक उनकी अपील ख़ारिज होती गई. ट्रंप की लीगल टीम इस मामले में कोई भी ठोस सबूत देने में नाकाम रही. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बताया वो क्यों नहीं दे रहे जो बाइडन को बधाईअमेरिकी चुनाव के नतीजों को क्या ट्रंप पलट भी सकते हैं?सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रियाडेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से ऐमिली पर दबाव था कि वो सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होने दें. हालांकि जीएसए का पत्र मिशिगन में बाइडन की जीत की पुष्टि के बाद ही आया. यहां बाइडन ने ट्रंप को एक लाख 55 हज़ार वोट के अंतर से हराया. ट्रंप ने जीएसए की ऐमिली मर्फ़ी को शुक्रिया कहा है और कहा कि उन्होंने ही उनकी टीम से सिफ़ारिश की थी कि वो जो औपचारिकताएं हैं उन्हें पूरी करें.ट्रंप पर हार स्वीकार करने के लिए अपनी ही रिपब्लिकन पार्टी से दबाव बढ़ता जा रहा था. सोमवार को पार्टी की तरफ़ से ऐसी कई आवाज़ आई. इमेज स्रोत, JIM WATSON,MANDEL NGAN/AFP via Getty Imagesटेनेसी के सीनेटर लैमर एलेक्ज़ेंडर ने बयान जारी कर कहा कि ट्रंप को पहले देश के बारे में सोचना चाहिए और बाइडन को सत्ता सौंपने में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब आप पब्लिक लाइफ़ में होते हैं तो लोग याद रखते हैं कि आपने अंत में क्या किया था. वेस्ट वर्जीनिया की सीनेटर शेली मूरे ने भी कहा कि अब 2020 के चुनाव का अंत होना चाहिए. इसके अलावा ओहायो के सीनेटर ने भी ट्रंप से इसी तरह की अपील की थी. मर्फ़ी को 160 से ज़्यादा कारोबारी नेताओं ने बाइडन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया था.उधर, पाँच घंटे पहले जो बाइडन ने ट्वीट कर कहा है कि आज वो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश नीति टीम की घोषणा करेंगे. बाइडन ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि अमेरिकी नेतृत्व को फिर खड़ा किया जाए.(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)संबंधित समाचारट्रंप के बाद जो बाइडन ईरान का क्या करेंगे?18 नवंबर 2020अमेरिका चुनाव: डोनाल्ड ट्रंप पर बाइडन के भारी पड़ने की पाँच वजहें8 नवंबर 2020लाइव अमेरिका चुनाव: बाइडन जीत को लेकर आश्वस्त, ट्रंप खेमा कोर्ट जाने के मूड मेंडोनाल्ड ट्रंप की जगह जो बाइडन के आने से भारत के लिए क्या-क्या बदलेगा19 नवंबर 2020अमेरिकी चुनाव: ईवीएम मशीनों के बारे में ट्रंप का दावा कितना सही?18 नवंबर 2020अमेरिका चुनावः ट्रंप ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार किया तो बाइडन क्या करेंगे?10 नवंबर 2020वीडियो, जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप के बारे में क्या कहा?17 नवंबर 2020डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा 'जो बाइडन जीते अमेरिकी चुनाव, पर...'15 नवंबर 2020टॉप स्टोरीबाइडन को सत्ता सौंपने के लिए आख़िरकार तैयार हुए डोनाल्ड ट्रंप12 मिनट पहलेलाइव गिलगित-बल्तिस्तान चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप, हिंसा भड़कीक्या अफ़ग़ानिस्तान को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय मदद कम हो जाएगी?एक घंटा पहलेज़रूर पढ़ेंकार्टून: कोरोना से डर नहीं लगता साहब...23 नवंबर 2020क्या है बोतल में बंद तोतों का राज़?21 नवंबर 2020भूटान ने दी सफ़ाई, चीन ने नहीं बसाया है उसकी ज़मीन पर गांव21 नवंबर 2020इमरान ख़ान अफ़ग़ानिस्तान को क्या भारत से दूर ले जा रहे हैं?21 नवंबर 2020कट्टरपंथी इस्लाम को 'ठीक करने' के लिए क्या कर रहा है फ़्रांस21 नवंबर 2020साठ साल में पहली बार व्हाइट हाउस पहुंचे तिब्बती नेता22 नवंबर 2020कोरोना वैक्सीन को जनता तक पहुंचाने का 'मोदी सरकार का प्लान'20 नवंबर 2020कश्मीर के जंगलों में रहने वाले बाशिंदे जो अचानक हो गए बेघर21 नवंबर 2020पाकिस्तान ने CPEC कॉरिडोर को लेकर भारत पर क्या आरोप लगाया 22 नवंबर 2020सबसे अधिक पढ़ी गईं1तेजस एक्सप्रेस क्यों हुई रद्द? जानिए एक दिन में कितने का हो रहा था नुक़सान2क्या अफ़ग़ानिस्तान को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय मदद कम हो जाएगी?3आर्मीनिया की शहज़ादी, जिसकी कहानी मध्य पूर्व से मंगोलिया तक फैली है4फ्रांस के मुसलमानों पर बयान देकर फँसीं इमरान ख़ान की मंत्री5जो बाइडन प्रशासन में कौन बनेगा विदेश मंत्री, कौन होगा संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत?6रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बताया वो क्यों नहीं दे रहे जो बाइडन को बधाई7इसराइली प्रधानमंत्री की सऊदी क्राउन प्रिंस से 'ख़ुफ़िया मुलाक़ात'8कोरोना वायरसः कितने गंभीर हैं मौजूदा हालात?9तरुण गोगोई: असम के शालीन और क़द्दावर नेता नहीं रहे10भारती सिंह और उनके पति को मुंबई की अदालत से मिली ज़मानतBBC News, हिंदीआप बीबीसी पर क्यों भरोसा कर सकते हैंइस्तेमाल की शर्तेंबीबीसी के बारे मेंनिजता की नीतिकुकीज़बीबीसी से संपर्क करेंAdChoices / Do Not Sell My Info© 2020 BBC. बाहरी साइटों की सामग्री के लिए बीबीसी ज़िम्मेदार नहीं है. बाहरी साइटों का लिंक देने की हमारी नीति के बारे में पढ़ें.
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