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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersImage captionविराट कोहलीबात बहुत पुरानी नहीं है, इस साल की शुरुआत में विराट कोहली
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विराट कोहली
बात बहुत पुरानी नहीं है, इस साल की शुरुआत में विराट कोहली के नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही धरती पर वनडे सिरीज़ में मात दी थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया हिसाब चुकाने में देरी करने वाली टीमों में से नहीं है.
भले ही उसकी टीम में स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर जैसे धुरंधर नहीं थे, लेकिन दो महीने बाद ही उसने टीम इंडिया को उसके ही घर में मात दे डाली. दिलचस्प ये रहा कि पाँच मैचों की सिरीज़ के शुरुआती दो मुक़ाबलों में तो कोहली एंड कंपनी हावी रही, लेकिन फिर राँची में जब दोनों टीमें भिड़ी तो सब कुछ मानो बदल गया, कम से कम ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए तो ऐसा ही हुआ.
राँची में भारत को हराकर एरोन फ़िंच की अगुवाई में कंगारुओं ने जीत की ऐसी राह पकड़ी कि किसी भी टीम को उसे हराना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है.
तब से लेकर ऑस्ट्रेलिया लगातार दस वनडे मुक़ाबले जीत चुकी है और अब एक बार फिर उसका सामना भारत से है.
इंग्लैंड में खेले जा रहे 12वें आईसीसी विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में पांच बार की विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का सामना भारत से होगा.
वैसे तो भारत भी दो बार की चैंपियन है और उसने इस विश्व कप में अपने अभियान का आगाज़ दक्षिण अफ्रीका को छह विकेट से हराकर किया.
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया अभी तक दो मैच खेल चुका है.
उसने पहले मैच में अफ़ग़ानिस्तान को सात विकेट से और दूसरे मैच में वेस्ट इंडीज़ को 15 रन से हराया.
अब कहने को तो भारत की दक्षिण अफ्रीका पर छह विकेट से जीत बेहद आसान लगती है लेकिन वास्तव में ऐसा नही था.
भारत को जीत के लिए 228 रन बनाने के लिए 47.3 ओवर खेलने पड़े.
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रोहित शर्मा
वह तो रोहित शर्मा ने नाबाद 122 रनों की पारी खेली वर्ना भारत मुश्किल में तो था ही ख़ासकर यह देखते हुए कि सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन केवल आठ रन बनाकर रबाडा का शिकार हो गए.
उसके बाद कप्तान विराट कोहली के बल्ले से भी महज़ 18 रन ही निकले.
इतना ही नही पिछले दिनो सबसे अधिक चर्चा मे यही रहा कि नम्बर चार पर कौन खेलेगा, उस पर खेलने उतरे केएल राहुल भी 26 रन ही बना सके.
रही बात महेंद्र सिंह धोनी की तो उन्होंने 34 रन बनाकर रोहित शर्मा का अच्छा साथ दिया.
बाकि का काम हार्दिक पांड्या ने नाबाद 15 रन बनाकर किया.
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महेंद्र सिंह धोनी
वैसे रोहित शर्मा को अपनी शतकीय पारी के दौरान कई जीवनदान मिले. कहीं शुरू में ही अगर उनका कैच पकड़ा जाता तो दक्षिण अफ्रीका के पंजे में भारत फंस सकता था.
अपनी पारी को लेकर रोहित शर्मा ने बाद में कहा कि वह अपने स्वभाव के विपरीत खेले.
हांलाकि उन्होंने यह भी माना कि शुरू में स्विंग होती गेंदो के सामने खेलना आसान नही था इसलिए एक बार जमने का बाद उन्होंने आक्रामक रूख अपनाया.
कप्तान विराट कोहली ने भी उनकी पारी की ख़ूब तारीफ की.
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टीम ऑस्ट्रेलिया
लेकिन रविवार को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारतीय बल्लेबाज़ो को और भी संभलकर खेलना होगा क्योंकि संभावना जताई जा रही है कि मैदान पर बादलो का साया रहेगा.
बारिश तो नही होगी लेकिन मौसम भारी रहेगा. ज़ाहिर है ऐसे में तेज़ गेंदबाज़ो को मदद मिलेगी.
वैसे तो दोनो ही टीमों में भरोसेमंद गेंदबाज़ है.
लेकिन जिस तरह से भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने वाली दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट पर 227 रन पर रोका उससे भारतीय गेंदबाज़ो को हौंसले बुलंद होंगे.
जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या के अलावा स्पिनर युज़्वेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाज़ी की.
पार्ट टाइम गेंदबाज़ केदार जाधव ने भी चार ओवर किए.
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हार्दिक पांड्या
इसके बावजूद रविवार को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत अपनी गेंदबाज़ी में कुछ परिवर्तन कर सकता है.
हो सकता है कप्तान विराट कोहली भारी मौसम और ऑस्ट्रेलिया की मज़बूत बल्लेबाज़ी को देखते हुए मोहम्मद शमी को खेलने का अवसर दे.
ऐसे में कुलदीप यादव को टीम में जगह ना मिले.
दरअसल ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ जिस फॉर्म में है वह भारत के लिए चिंता का कारण हो सकता है.
कहने को तो वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ आठ नम्बर पर खेलने उतरे नाथन-कल्टर-नाइन ने भी 92 रन बनाए, लेकिन उससे पहले कप्तान आरोन फिंच, ग्लेन मैक्सवैल, मार्कस स्टोइनिस और एलेक्स कैरी से भी निपटना पडेगा.
यह सभी वही बल्लेबाज़ है जो स्पिन को बखूबी खेलते है.
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डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ और अन्य खिलाड़ी
इसके अलावा ऑस्ट्रिलिया भारत के ख़िलाफ़ अपने ही घर में मिली टेस्ट सिरीज़ की हार को भी नही भूला होगा. उस सिरीज़ में डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ नही थे. उनके आने के बाद टीम अचानक से एक बार फिर विश्व की सबसे दमदार टीम लगने लगी है.
डेविड वार्नर और स्टीन स्मिथ ने गेंद से छेडछाड़ मामले में एक साल का अतंराष्ट्रीय मैच ना खेलने का वनवास काटने के बाद ज़बरदस्त वापसी की है.
पहले तो आईपीएल और उसके बाद विश्व कप में दोनो का खेल शानदार रहा है.
वार्नर ने अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ नाबाद 89 और स्टीव स्मिथ ने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ 73 रन बनाए.
स्मिथ ने तो टीम को तब संभाला जब उसके चार विकेट मह़ज 38 रन पर गिर चुके थे.
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स्टीव स्मिथ
वही वार्नर की अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ खेली गई 89 रनों की पारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे शानदार स्पिनर का सामना किया जो किसी भी टीम के ख़िलाफ़ विकेट लेने की क्षमता रखते है.
तेज़ गेंदबाज़ी में ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क क्या कर सकते है यह उन्होंने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ दिखाया.
उन्होंने 46 रन देकर पांच विकेट झटके.
इसके साथ ही उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे कम मैचों में 150 विकेट लेने का रिकार्ड भी बनाया.
उन्होंने केवल 77 मैचों में यह कारनामा कर पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक़ के 78 मैचों में 150 विकेट लेने के रिकार्ड को तोड़ा
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मिचेल स्टार्क
रविवार को यह भी पता चलेगा कि भारत के कप्तान विराट कोहली किस फॉर्म में है क्योंकि बीते आईपीएल में और विश्व कप के पहले मैच में उनका बल्ला अधिक नही बोला.
पूरे विश्व कप में भारत को केवल रोहित शर्मा या महेंद्र सिंह धोनी ही अपने दम पर नही जीता सकते. कप्तान विराट कोहली और सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन के अलावा केएल राहुल का जमकर खेलना बहुत ज़रूरी है.
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भारतीय टीम
ऑस्ट्रेलिया ने आईपीएल से ठीक पहले भारत को उसी की घर में एकदिवसीय सिरीज़ में हराया भी था लिहाज़ा किसी भी रूप में ऑस्ट्रेलिया के हल्के में नही लिया जा सकता.
वैसे साल 2015 के पिछले विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को सेमीफाइनल में 95 रन से करारी मात दी थी.
तब ऑस्ट्रेलिया के 7 विकेट पर 328 रन के जवाब में भारत 46.5 ओवर में ही 233 रन पर सिमट गया था.
ख़ैर अभी तो विश्व कप में भारत का यह दूसरा ही मुक़ाबला है और ऐसा नही है कि अगर ऑस्ट्रेलिया जीत गई तो कोई बहुत बड़ा असर भारत पर पडेगा.
लेकिन अगर विराट कोहली का बल्ला बोला और भारत जीता तो आने वाले मैचो में भारत का आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही साथ ही टीम पर भरोसा भी जमेगा.
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