简体中文
繁體中文
English
Pусский
日本語
ภาษาไทย
Tiếng Việt
Bahasa Indonesia
Español
हिन्दी
Filippiiniläinen
Français
Deutsch
Português
Türkçe
한국어
العربية
एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage captionप्रतीकात्मक तस्वीरउत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में एक ना
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption
प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में एक नाबालिग़ दलित लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में पुलिस ने सात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर केअनुसार इन सातों पर आरोप हैं कि इन्होंने पहले 14 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसके बाद उसे जलाकर मार डाला.
हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
ख़बर केअनुसार, मृतक लड़की ईंट के भट्टे पर काम करती थी. ईंट भट्टे के मालिक और अन्य छह लोगों के खिलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय में एनटीए करवाएगी परीक्षा
दिल्ली विश्वविद्यालय में अभी तक दाख़िले की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह रही कि सही वक्त पर एग्ज़ाम कराने के लिए एजेंसी तय नहीं हो सकी. पहले दाख़िले की तारीख़ 15 अप्रैल तय की गई थी, जिसके बाद इसे बढ़ाकर 20 मई किया गया फिर 24 मई और बाद में 27 मई भी. लेकिन अब यह तय हो गया हैकि एनटीए विश्वविद्यालय में चुनाव करवाएगी. नवभारत टाइम्स ने इस ख़बर को प्रकाशित किया है. अख़बार ने संभावना जताई है कि अब जबकि एनटीए का नाम तय हो गया है तो दो-तीन दिन के भीतर एडमिशन प्रोसेस शुरू हो सकता है.
अलवर की रेप पीड़िता बनी कांस्टेबल
बीते महीने राजस्थान के अलवर में एक रेप का वीडियो वायरल हुआ था. अब वह महिला राजस्थान पुलिस में बतौर कांस्टेबल नियुक्त हुई है. अशोक गहलोत कैबिनेट ने यह फ़ैसला दिया. हालांकि अभी तक पीड़िता को नियुक्ति पत्र नहीं मिला है. राज्य सरकार ने महिला को सरकारी नौकरी देने का एलान किया था. जिसके तहत महिला की नियुक्ति की जानी है. दैनिक जागरण ने इस ख़बर को प्रकाशित किया है.
इसके अलावा अख़बार ने कोलकाता की दो मस्जिदों के महिलाओं की नमाज़ के लिए खोले जाने की ख़बर को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया है.
ऑफ़िस में ज़्यादा काम फिर थकान... बीमारी है ये
इमेज कॉपीरइटGetty Images
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बर्नआउट को एक बीमारी माना है. बर्नआउट काम के अधिक बोझ से होने वाले स्ट्रेस को कहते हैं. जेनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में यह घोषणा की गई. संगठन ने इसे इंटरनेशल क्लासीफ़िकेशन डिज़ीज़ेज़ की लिस्ट में शामिल किया है. यह कामकाज से जुड़े लोगों को होने वाली बीमारी है. दैनिक भास्कर ने इस ख़बर को प्राथमिकता दी है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिककर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्रामऔर यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।