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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesसुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस के हलफ़नामे के आरोपों की सच्चाई की जाँच करन
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सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस के हलफ़नामे के आरोपों की सच्चाई की जाँच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके पटनायक को नियुक्त किया है.
सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई निदेशक और आईबी प्रमुख को न्यायाधीश एके पटनायक के साथ सहयोग करने के लिए भी कहा है.
जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की स्पेशल बेंच ने वकील उत्सव बैंस को कोर्ट में उन सभी तथ्यों और साक्ष्यों को जांच समिति को सौंपने को कहा है जिसके विषय में उन्होंने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि कुछ फिक्सर और कॉरपोरेट से जुड़े लोग न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.
उत्सव बैंस ने हलफ़नामे में यह दावा किया था कि उन्हें चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का केस लड़ने और इस बारे में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने के लिए रिश्वत का प्रस्ताव दिया गया था.
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बैंस का कहना है कि चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई पर ये आरोप 'साज़िश' के तहत लगाए गए हैं ताकि वो अपने पद से इस्तीफ़ा दे दें.
सुनवाई के दौरान गुरुवार को जस्टिस अरुण मिश्रा उन्होंने कहा, “पिछले तीन-चार साल से इस संस्थान (शीर्ष अदालत) के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है जैसे कि ये ख़त्म होने वाला है. इस देश के लोगों को सच का पता चलना चाहिए. हम सच्चाई का पता लगाएंगे. क्या ताक़तवर लोगों को लगता है कि वो इस देश को चला सकते हैं?”
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई पर उनकी पूर्व जूनियर असिस्टेंट ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
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आरोप लगाने वाली महिला ने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के सभी 22 जजों को एक चिट्ठी भेजी थी जिसमें जस्टिस गोगोई पर यौन उत्पीड़न करने, इसके लिए राज़ी न होने पर नौकरी से हटाने और बाद में उन्हें और उनके परिवार को तरह-तरह से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं.
जस्टिस गोगोई पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ प्रेस कांफ्रेंस करने वाले चार न्यायाधीशों में शामिल थे. उस वक्त भी जस्टिस गोगोई सहित चारों न्यायाधीशों ने आरोप लगाया था कि न्यायपालिका पर बहुत दबाव है.
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