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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटANI"बीजेपी-शिव सेना का फ़ेवरिट गाना- खुल्लम खुल्ला करप्शन करें हम दोनों, दुनिया से नहीं
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“बीजेपी-शिव सेना का फ़ेवरिट गाना- खुल्लम खुल्ला करप्शन करें हम दोनों, दुनिया से नहीं डरें हम दोनों.”
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“जब मोदीजी ने कहा न खाऊँगा, न खाने दूँगा, सत्ता में उनकी सहयोगी शिव सेना ने सुना- तुम मुझे फ़ेवर्स दो, मैं तुम्हें क्लीयरेंस दूँगा.”
कांग्रेस से इस्तीफ़ा देकर शिव सेना का दामन थामने वाली प्रियंका चतुर्वेदी ने ये ट्वीट तकरीबन तीन साल पहले 24 अप्रैल 2016 को किया था. तब उन्हें अंदाज़ा भी नहीं होगा कि जिस पार्टी के लिए वो ये पैरोडी ट्विटर पर लिख रही हैं, एक दिन उन्हें उस पार्टी को ही गले लगाना होगा.
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कहते हैं राजनीति में कोई दुश्मन स्थाई नहीं होता. सियासी हालात कब-क्या करवट ले लें, इसके बारे में पक्के तौर पर तो छोड़िए, अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है.
प्रियंका ने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिव सेना ज्वाइन की. उन्होंने कहा कि वो मुंबई के लिए काम करना चाहती हैं और यही वजह है कि वह शिव सेना में शामिल हो रही हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि उनके पुराने बयानों और ट्वीट को निकाला जाएगा, लेकिन उन्होंने सोच समझकर शिव सेना में शामिल होने का फ़ैसला किया है.
इससे पहले, प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस के प्रवक्ता सहित पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र दे दिया. प्रियंका ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस पार्टी में अपना ख़ून-पसीना देने वाले लोगों की जगह बदमाशों को प्राथमिकता देने पर उन्हें गहरा दुख हुआ है.
इसके बाद उन्होंने लिखा था कि वह पार्टी के लिए गाली-पत्थर सबका सामना करती हैं, लेकिन पार्टी के अंदर उन्हें धमकाने वालों को मामूली सज़ा भी न होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @priyankac19
Deeply saddened that lumpen goons get prefence in @incindia over those who have given their sweat&blood. Having faced brickbats&abuse across board for the party but yet those who threatened me within the party getting away with not even a rap on their knuckles is unfortunate. https://t.co/CrVo1NAvz2
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) 17 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @priyankac19
प्रियंका चतुर्वेदी ने एक पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही है. दरअसल, उस पत्रकार ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के एक नोटिस को ट्वीट किया था.
इस नोटिस में कहा गया था कि मथुरा में कथित तौर पर प्रियंका चतुर्वेदी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की अनुशासनात्मक कार्यवाही को निरस्त किया जाता है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से जारी किए गए नोटिस में लिखा है कि बीते दिनों मथुरा में कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की रफ़ाल सौदे पर प्रेस कॉन्फ़्रेस के दौरान मथुरा ज़िलाध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत आठ लोगों ने अमर्यादित व्यवहार किया था. इसके बाद उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी.
नोटिस में लिखा गया है कि इस पर इन लोगों ने माफ़ी मांग ली जिसके बाद कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया है.
बीबीसी से बातचीत में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के उपाध्यक्ष आर.पी. त्रिपाठी ने कहा कि दुर्व्यवहार करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने माफ़ी मांग ली थी जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि अगर कोई माफ़ी मांगता है तो उसे माफ़ भी कर दिया जाना चाहिए और इस मसले को ज़्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए.
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इमेज कॉपीरइटGetty Imagesमथुरा में क्या हुआ था?
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बीते साल सितंबर में प्रियंका चतुर्वेदी मथुरा गई थीं जहां उन्होंने रफ़ाल सौदे पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. प्रियंका मूलतः मथुरा से ही हैं.
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उन्होंने इस दौरान स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत शीर्ष नेतृत्व से की जिसके बाद ज़िलाध्यक्ष अशोक सिंह चकलेश्वर और महासचिव उमेश पंडित समेत आठ लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था.
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पार्टी ने अब इन कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई को निरस्त कर दिया है इस पर उमेश पंडित का कहना है कि उन्हें कभी अपने ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई के बारे में मालूम ही नहीं था, वह तो तब भी कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं.
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उमेश पंडित ने सितंबर में हुई घटना पर बीबीसी से कहा, “जब इस घटना के होने की बात कही जा रही है उस समय मैं अपने पिता के पास अस्पताल में था लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसा कुछ हुआ भी नहीं था. अगर ऐसे हुआ था तो उन्होंने पुलिस को शिकायत क्यों नहीं की. यह सब पूर्व विधायक प्रदीप माथुर के साथ उनकी बातचीत के बाद हुआ था क्योंकि वह हमसे बात ही नहीं करती थीं.”
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प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि ख़ून-पसीना देने वाले उन जैसे कार्यकर्ताओं की जगह बदमाशों को तरजीह दी जा रही है, इस पर उमेश पंडित कहते हैं, “हमें गुंडा कैसे कह सकती हैं वो. हम वो लोग हैं जिनके घर में आज़ाद हिंद फ़ौज की स्थापना हुई थी. हम 27 साल से कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में रहेंगे. ज़िलाध्यक्ष अशोक चकलेश्वर तीन बार के सांसद रहे चकलेश्वर सिंह के पुत्र हैं. उन्होंने मथुरा में रिफ़ाइनरी लगवाई और इंदिरा गांधी जब भी मथुरा आती थीं उनके यहां रुकती थीं. तो वह कैसे हमें बदमाश कह सकती हैं.”
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इमेज कॉपीरइटGetty Imagesचुनाव लड़ना चाहती थीं प्रियंका चतुर्वेदी?
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कांग्रेस कवर करने वाले पत्रकारों का कहना है कि प्रियंका चतुर्वेदी मथुरा से आती हैं लेकिन उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि महाराष्ट्र से जुड़ी हुई है और वह मुंबई उत्तर-पश्चिम से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखती थीं. हालांकि कांग्रेस ने वहां से इस बार संजय निरुपम को उम्मीदवार बनाया है.
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मुंबई उत्तर-पश्चिम से पूर्व मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष गुरुदास कामत सांसद रहे हैं और प्रियंका चतुर्वेदी पहले कामत की टीम में भी काम कर चुकी हैं.
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पत्रकारों का यह भी मानना है कि मुंबई उत्तर-पश्चिम से सीट फ़ाइनल होने के बाद प्रियंका मथुरा से चुनाव लड़ने की इच्छा रखती थीं लेकिन वहां से कांग्रेस ने महेश पाठक को उम्मीदवार बना दिया.
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विश्लेषकों का कहना है कि प्रियंका इन सबसे अधिक तब ख़फ़ा हुईं जब उनसे कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने वाले कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई को वापस ले लिया.
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उमेश पंडित कहते हैं कि प्रियंका मथुरा से चुनाव लड़ना चाहती थीं इसी कारण वह ग़ुस्से में हैं और ऐसे समय में जब 18 अप्रैल को मथुरा में वोटिंग है तब उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था.
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