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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesपूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आख़िरकार चुनाव के पहल
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पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आख़िरकार चुनाव के पहले चरण से ठीक एक हफ्ते पहले अपनी चुप्पी तोड़ी.
पार्टी की स्थापना दिवस से दो दिन पहले चुप्पी तोड़ने के लिए उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कोई भाषण तो नहीं दिया, लेकिन अपनी बात कहने के लिए ब्लॉग का सहारा ज़रूर लिया.
पाँच सौ से अधिक शब्दों के अंग्रेज़ी में लिखे इस ब्लॉग की हेडलाइन है 'नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ़ लास्ट' (यानी पहले देश, फिर पार्टी, आख़िर में ख़ुद).
आडवाणी की परंपरागत संसदीय सीट गांधीनगर से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के उम्मीदवार बनने के बाद आडवाणी ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार कोई टिप्पणी की है.
ये ब्लॉग पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित है और छह अप्रैल को पार्टी की स्थापना दिवस से दो दिन पहले लिखा गया है.
आडवाणी ने लिखा है...
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ये बीजेपी में हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है, अपने पीछे देखने का, आगे देखने का और अपने भीतर झांकने का. बीजेपी के संस्थापकों में से एक के रूप में, मैं मानता हूँ कि ये मेरा कर्तव्य है कि मैं भारत के लोगों के साथ अपने प्रतिबिंबों को साझा करूँ, और विशेषकर मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के साथ. इन दोनों के सम्मान और स्नेह का मैं ऋृणी हूँ.
अपने विचारों को साझा करने से पहले, मैं गांधीनगर के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने 1991 के बाद से मुझे छह बार लोकसभा के लिए चुना. उनके प्यार और समर्थन ने मुझे हमेशा अभिभूत किया है.
मातृभूमि की सेवा करना तब से मेरा जुनून और मिशन रहा है, जब 14 साल की उम्र में मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा था. मेरा राजनीतिक जीवन लगभग सात दशकों से मेरी पार्टी के साथ अविभाज्य रूप से जुड़ा रहा है- पहले भारतीय जनसंघ के साथ और बाद में भारतीय जनता पार्टी के साथ. मैं दोनों ही पार्टियों के संस्थापक सदस्यों में से था. पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य महान, निस्वार्थ और प्रेरणादायक नेताओं के साथ मिलकर काम करना मेरा दुर्लभ सौभाग्य रहा है.
मेरे जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत 'पहले देश, फिर पार्टी और आख़िर में खुद' रहा है. और हालात कैसे भी रहे हों, मैंने इन सिद्धांतों का पालन करने की कोशिश की है और आगे भी करता रहूँगा.
भारतीय लोकतंत्र का सार अभिव्यक्ति का सम्मान और इसकी विभिन्नता है. अपनी स्थापना के बाद से ही भाजपा ने कभी उन्हें कभी 'शत्रु' नहीं माना जो राजनीतिक रूप से हमारे विचारों से असहमत हो, बल्कि हमने उन्हें अपना सलाहकार माना है. इसी तरह, भारतीय राष्ट्रवाद की हमारी अवधारणा में, हमने कभी भी उन्हें, 'राष्ट्र विरोधी' नहीं कहा, जो राजनीतिक रूप से हमसे असहमत थे.
पार्टी निजी और राजनीतिक स्तर पर प्रत्येक नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध है.
देश में और पार्टी के भीतर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा भारत के लिए गर्व की बात रही है. इसलिए, भाजपा हमेशा मीडिया समेत हमारे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की आज़ादी, अखंडता, निष्पक्षता और मज़बूती की मांग करने में सबसे आगे रही है. भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति के लिए चुनावी सुधार, राजनीतिक और चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता पर विशेष ध्यान देना पार्टी के लिए प्राथमिकता रहा है.
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संक्षेप में, सत्य, राष्ट्र निष्ठा और लोकतंत्र ने मेरी पार्टी के संघर्ष के विकास को निर्देशित किया. इन सभी मूल्यों से मिलकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुराज (गुड गवर्नेंस) बनता है, जिन पर मेरी पार्टी हमेशा से बनी रही. आपातकाल के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक संघर्ष भी इन्हीं मूल्यों को बनाए रखने के लिए था.
ये मेरी ईमानदार इच्छा है कि हम सभी को सामूहिक रूप से भारत की लोकतांत्रिक शिक्षा को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए. सच है कि चुनाव, लोकतंत्र का त्योहार है. लेकिन वे भारतीय लोकतंत्र के सभी हितधारकों - राजनीतिक दलों, मास मीडिया, चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों और सबसे बढ़कर मतदाताओं के लिए ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण का एक अवसर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी के ब्लॉग को ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने अपने ब्लॉग में बीजेपी का सार बताया है. ख़ासकर उनका मार्गदर्शन मंत्र 'पहले देश, फिर पार्टी और अंत में ख़ुद'. मोदी ने ट्वीट किया, “भाजपा कार्यकर्ता होने पर गर्व है और इस बात का भी गर्व है कि एलके आडवाणी जैसी महान शख्सियतों ने इसे मजबूती दी है.”
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @narendramodi
Advani Ji perfectly sums up the true essence of BJP, most notably the guiding Mantra of ‘Nation First, Party Next, Self Last.’
Proud to be a BJP Karyakarta and proud that greats like LK Advani Ji have strengthened it. https://t.co/xScWuuDuMq
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) 4 अप्रैल 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @narendramodi
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क्यों याद आ रही है आडवाणी को वो चेतावनी
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चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.
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