简体中文
繁體中文
English
Pусский
日本語
ภาษาไทย
Tiếng Việt
Bahasa Indonesia
Español
हिन्दी
Filippiiniläinen
Français
Deutsch
Português
Türkçe
한국어
العربية
एब्स्ट्रैक्ट:गोविंद सिंह ने अपने जीवन के 18 वर्ष करतारपुर साहिब में गुरुद्वारे के ग्रंथी के तौर पर गुज़ारे हैं. त
गोविंद सिंह ने अपने जीवन के 18 वर्ष करतारपुर साहिब में गुरुद्वारे के ग्रंथी के तौर पर गुज़ारे हैं.
तीर्थस्थल की पहली मंज़िल पर बने एक बड़े हॉल में अकेले बैठकर गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे हैं, कमरे की खास सजावट की गई है.
यह हॉल आम तौर पर तीर्थयात्रियों से खचाखच भरा रहता है, लेकिन जब से यहां करतारपुर साहेब कॉरिडोर के निर्माण का काम चल रहा है, इसे तीर्थयात्रियों के लिए बंद कर दिया गया है.
अपना पाठ पूरा करने के बाद गोविंद सिंह कमरे से बाहर निकले और एक खिड़की से बाहर देखने लगे. वे पिछले कुछ महीनों की गतिविधियों को देखकर हैरत में हैं. वे कहते हैं, करीब एक साल पहले यह जगह अलग-थलग थी, हमसे मीडिया के लोग कभी बात नहीं करते थे, तब सब कुछ बहुत शांत था."
आज दर्ज़नों ट्रक, क्रेन और डंपर पूरे इलाके में काम में जुटे हुए हैं. इमारत के चारों ओर की ज़मीन खोद दी गई है, सामने कीचड़ से भरी एक सड़क है जिसे पक्का बनाने का काम चल रहा है.
वे कहते हैं, हमने कभी कल्पना नहीं की थी कि यह सरहद खुलेगी, यह तो चमत्कार है."
इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के मौके पर कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू जब अगस्त 2018 में पाकिस्तान आए तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि क्या होने वाला है.
कांग्रेस के कारण पाकिस्तान में है करतारपुर: नरेंद्र मोदी
करतारपुर कॉरिडोर और दो अलग उद्घाटनी हांडियों का नतीजा
डेरा बाबा नानक के लोगों की बेचैनी की वजह क्या है
प्लेबैक आपके उपकरण पर नहीं हो पा रहा
करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उद्घाटन समारोह800 मीटर लंबा पुल जोड़ेगा दोनों देशों की सीमाएं
जब सिद्धू पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा से गर्मजोशी से मिले तो भारत में उसकी राजनीतिक तौर पर आलोचना भी हुई लेकिन जब सरहद के खुलने की खबर आई तो भारत में सिख समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई.
28 नवंबर 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरिडोर के निर्माण कार्य का उदघाटन किया, गोविंद सिंह ने बताया कि हम जहाँ खड़े हैं वहां से भारत की सीमा सिर्फ़ चार किलोमीटर दूर है और कोरिडोर बनने के बाद तीर्थयात्री बहुत आसानी से आ सकेंगे.
गोविंद सिंह ने उंगली के इशारे से दिखाया, वो जो पत्थर दिख रहे हैं न, वहां रावी नदी के ऊपर 800 मीटर लंबा पुल बनने वाला है जिससे दोनों देशों की सीमाएं जुड़ जाएँगी."
यह भी पढ़ें | 'पाकिस्तानी फावड़े पर काला टीका ज़रूर लगाना चाहिए'
24 घंटे चल रहा है काम
बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है, गोविंद से बताते हैं, यहां इतने लोग काम कर रहे हैं कि मैं गिन भी नहीं सकता, लोग अलग-अलग शिफ़्टों में 24 घंटे काम कर रहे हैं."
प्रार्थना हॉल, बारादरी, यात्रियों के ठहरने के कमरे और लंगर की रसोई, इन सबको भी बड़ा बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है.
यह सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में गिना जाता है, यहां सिखों के पहले गुरू नानकदेव ने अपने जीवन के अंतिम 17 वर्ष यहीं बिताए और 16वीं सदी में उनका निधन भी यहीं हुआ.
गुरुद्वारे के बड़े सफ़ेद गुंबद को भी बेहतर बनाया जा रहा है. गोविंद सिंह बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से चल रहे तनाव के बावजूद उन्हें पूरा भरोसा था कि उसका असर निर्माण कार्य पर नहीं पड़ेगा.
यह भी पढ़ें | क्या पाकिस्तान करतारपुर की अदला-बदली करेगा
गोविंद सिंह ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष ने सिखों से वादा किया है कि काम हर हाल में और जल्द-से-जल्द पूरा होगा.” उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में इस बात का ध्यान रखा गया है कि बाबा नानकदेव से जुड़ी किसी चीज़ को कोई नुकसान न हो.
करतारपुर गलियारा खुलने से सिख यात्रियों को काफ़ी सुविधा होगी, फ़िलहाल उन्हें पाकिस्तान जाकर भीतर की तरफ़ से गुरुद्वारे तक आना पड़ता है जबकि वे कोरिडर के खुलने पर भारत की तरफ़ से पैदल भी गुरुद्वारे तक जा सकेंगे.
ऐसा नहीं है कि इससे सिर्फ़ सिख ही खुश हैं, पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके के लोगों में भी काफ़ी ख़ुशी है, डोडा गांव के रफ़ीक मसीह कहते हैं, पहले यह जगह जंगल की तरह थी लेकिन अब पहचान में नहीं आती, इस बदलाव से आपसास के हज़ारों परिवारों को फ़ायदा होगा. यहां सड़क, स्कूल, अस्पताल, मॉल सब बनेंगे, कारोबार होगा, लोगों को रोज़गार मिलेगा."
31 अगस्त 2019 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।