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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersपाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ़ ग़फ़ूर ने मंगलवार को सुबह-सुबह ट्वीट
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पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ़ ग़फ़ूर ने मंगलवार को सुबह-सुबह ट्वीट कर दुनिया को जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार किया.
मेजर ग़फ़ूर ने कहा कि पाकिस्तानी वायु सेना ने फ़ौरन जवाबी कार्रवाई की जिसके कारण भारतीय विमानों को भागना पड़ा, लेकिन भागते हुए जल्दबाज़ी में उन्होंने पेलोड छोड़ दिया जो बालाकोट में गिरा.
ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर ये पेलोड होता क्या है?
पेलोड एक तकनीकी शब्द है जिसका अर्थ है विस्फोटक शक्ति.
आसान शब्दों में कहा जाए तो किसी भी मिसाइल, विमान, रॉकेट या टॉरपीडो में विस्फोटक को ले जाने की क्षमता को पेलोड कहते हैं.
किसी विमान या मिसाइल का पेलोड कितना है ये उस विमान या मिसाइल की विशेषता को बताता है.
तो अगर कोई ये कहे कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने पेलोड गिराया तो इसका मतलब साफ़ है कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने बम गिराया.
भारत ने इस ऑपरेशन में मिराज-2000 विमानों का इस्तेमाल करने का दावा किया है.
आइए जानते हैं मिराज विमान की कुछ ख़ास बातें
मिराज-2000 फ्रांसीसी विमान है. ये अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है.
इस विमान का निर्माण फ़्रांस की कंपनी डासो एविएशन ने किया है, वही कंपनी जिसने रफ़ाल बनाया है.
मिराज-2000 विमान की लंबाई 47 फ़ीट और इसका वज़न 7500 किलो है.
मिराज-2000 की अधिकतम रफ़्तार 2,000 किलोमीटर प्रति घंटा है.
मिराज-2000 विमान 13800 किलो गोला बारूद के साथ भी 2336 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ सकता है.
मिराज-2000 विमानों ने पहली बार 1970 के दशक में उड़ान भरी थी. ये डबल इंजन वाला चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है.
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भारत ने 80 के दशक में पहली बार 36 मिराज-2000 ख़रीदने का ऑर्डर दिया था.
करगिल युद्ध में मिराज विमानों ने अहम भूमिका निभाई थी.
साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे. इन अपग्रेडेड विमानों में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगा है, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इज़ाफ़ा हो गया है.
लेकिन फ़्रांस ने ये विमान केवल भारत को ही नहीं बेचा, बल्कि आज की तारीख़ में नौ देशों की वायुसेना इस विमान का इस्तेमाल करती हैं.
सिंगल इंजन की वजह से विमान का वज़न कम रहता है और इसके कारण इसका मूवमेंट आसान होता है.
लेकिन कई बार एक ही इंजन होने से इंजन फेल होने और विमान क्रैश होने की आशंका रहती है. लेकिन एक से ज़्यादा इंजन होने से अगर एक-एक इंजन फेल हो जाता है तो दूसरा इंजन काम करता रहता है. इससे पायलट और विमान दोनों सुरक्षित रहते हैं. मिराज-2000 में भी जुड़वां इंजन हैं.
मिराज-2000 मल्टीरोल विमान है यानी ये विमान एक साथ कई काम कर सकता है.
ये विमान ज़्यादा से ज़्यादा बम या मिसाइल को दुश्मनों के ठिकाने पर गिराने में सक्षम है.
इसके अलावा यह हवा में दुश्मन का मुक़ाबला भी कर सकता है.
मिराज लड़ाकु विमान DEFA 554 ऑटोकैन से लैस है, जिसमें 30 मिमी रिवॉल्वर प्रकार के तोप हैं.
ये तोप 1200 से लेकर 1800 राउंड प्रति मिनट की दर से आग उगल सकते हैं.
अस्वीकरण:
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