简体中文
繁體中文
English
Pусский
日本語
ภาษาไทย
Tiếng Việt
Bahasa Indonesia
Español
हिन्दी
Filippiiniläinen
Français
Deutsch
Português
Türkçe
한국어
العربية
एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटSOCIAL Media पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरों और वीडियो की बाढ़ आ गई है ज
इमेज कॉपीरइटSOCIAL Media
पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरों और वीडियो की बाढ़ आ गई है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो हमले के घायल सैनिकों या फिर धमाके के हैं.
ज़्यादातर तस्वीरें और वीडियो जघन्य हैं. तस्वीरों में जवान ख़ून में सने दिख रहे हैं.
इन तस्वीरों और वीडियो के साथ एक मैसेज भी शेयर किया जा रहा है ताकि लोग बदला लेने और हमले के लिए खुलकर सामने आएं.
इन पोस्ट पर हज़ारों की संख्या में कॉमेंट्स हैं. ज़्यादातर कॉमेंट्स में लोग कह रहे हैं कि सरकार पाकिस्तान पर जल्दी हमला करे.
पिछले हफ़्ते गुरुवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ़ के एक काफ़िले पर हमला कर 40 जवानों की जान ले ली थी.
भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कई क़दम उठाए हैं. भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की भी बात कही है. हालांकि सोशल मीडिया पर लोग इतने भर से शांत नहीं हो रहे हैं. लोग युद्ध की मांग कर रहे हैं.
हालांकि हमारी जांच में पता चला कि जो वीडियो और तस्वीर शेयर किए जा रहे हैं उनका संबंध पुलवामा से नहीं है. जिन तस्वीरों और वीडियो को लोग शेयर कर रहे हैं वो सीरिया, माओवादी हमले और यहां तक कि रूस के हैं.
पुलवामा में हुआ हमला पिछले तीन दशक का सबसे बड़ा हमला है. सेना के कुछ अधिकारियों ने लोगों और मीडिया घरानों से आग्रह किया है कि हमले से जुड़ी तस्वीरें साझा नहीं करें.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @crpfindia
ADVISORY: It has been noticed that on social media some miscreants are trying to circulate fake pictures of body parts of our Martyrs to invoke hatred while we stand united. Please DO NOT circulate/share/like such photographs or posts. Report such content at webpro@crpf.gov.i
— ?CRPF? (@crpfindia) 17 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @crpfindia
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस हमले के नाम पर कहीं की भी फ़ोटो शेयर करने लगे. पुलवामा का हमला बहुत ही भयावह था जिसमें किसी सैनिक के ख़ून से सने होने की कोई गुंजाइश नहीं थी.
रूसी सैनिक
एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें एक सैनिक के सीने में चारों तरफ़ बैंडेज लगे हुए हैं लेकिन वो अपनी राइफ़ल को उठाए आगे बढ़ रहा है. वहां खड़े लोग उस सैनिक को हैरानी भरी निगाहों से देख रहे हैं.
इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा हुआ है- सेना को खुली छूट मिलने के बाद अब कोई भी क़दम उठाने की पूरी आज़ादी है. इस जवान ने हॉस्पिटल से अपना इलाज छोड़ अपने साथियों का बदला लेने के लिए बंदूक ले निकल गया. हमारी सेना की ताक़त यह है. जय हिन्द, वंदे मातरम.''
लेकिन सच तो यह है कि यह तस्वीर रूसी सैनिक है. सर्च इंजन यांडेक्स से पता चलता है कि यह तस्वीर 2004 की है जब चरमपंथियों ने एक स्कूल को अपने क़ब्जे में ले लिया था. इस हमले में सैकड़ों लोगों की जान गई थी.
इमेज कॉपीराइट Haaretz.comHaaretz.com
इमेज कॉपीराइट Haaretz.comHaaretz.com
सीरियाई वीडियो
इस वीडियो में दिख रहा है कि एक गाड़ी एक चेक पॉइंट के क़रीब आ रही है और आग की लपटों के बीच से निकलती जा रही है.
इस वीडियो को पुलवामा हमले के तौर पेश किया जा रहा है. इस वीडियो को शेयर कर बताया जा रहा है कि पुलवामा में जहां हमला हुआ था वहां सीसीटीवी कैमरा लगा था और इसी का यह फुटेज है.
हालांकि वीडियो का यह इलाक़ा और आसपास के इन्फ़्रास्ट्रक्चर कश्मीर के नहीं हैं. जब हमने रिसर्च किया तो पता चला कि यह वीडियो सीरिया में हुए एक कार बम हमले का है. 12 फ़रवरी को इसराइली अख़बार हअरज़ ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को शेयर किया था.
इमेज कॉपीरइटCG KHABAR2017 माओवादी हमला
एक तस्वीर भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे में लिपटे ताबूत की है. इसमें साथी सैनिक सम्मान में श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इसे भी पुलवामा के नाम पर शेयर किया जा रहा है.
लेकिन यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में 2017 में नक्सलियों के हमले में मारे गए सीआरपीएफ़ जवानों की है. कई लोग और यहां तक कि नेता भी इन्ही तस्वीरों पुलवामा हमले के नाम पर साझा कर रहे हैं जबकि ये पुरानी तस्वीरें हैं.
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।