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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Images"मैं जया जेटली के बारे में सोच रही हूं. हम जिस दुनिया में रहते हैं वहां बहुत
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मैं जया जेटली के बारे में सोच रही हूं. हम जिस दुनिया में रहते हैं वहां बहुत अन्याय होता है. भगवान उन्हें हिम्मत और शांति दे."
जया जेटली को हिम्मत मिले- जो उन्हें प्यार करती थीं और जिन्होंने उनका ख्याल रखा जब उनके परिवार समेत बाक़ी उन्हें छोड़कर चले गए."
जॉर्ज फ़र्नांडिस, जिनके बंद के एक आह्वान से पूरा भारतीय रेल का काम रुक जाता था, नहीं रहे. इस व़क्त में मैं, लंबे समय तक उनकी दोस्त रहीं जया जेटली के बारे में सोच रही हूं."
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पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फ़र्नांडेस के निधन पर ट्विटर पर ये शोक संदेश जया जेटली को लिखे जा रहे हैं.
पत्रकार भी जॉर्ज फ़र्नांडेस के अंतिम संस्कार की जानकारी समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली से ही मांग रहे थे.
जया जेटली, जॉर्ज फ़र्नांडिस से अपने रिश्ते को दोस्ती का ही नाम देती आई हैं. ये अलग बात है कि वो कई साल उनके साथ उनके घर में रहीं, जिसे आम भाषा में 'लिव-इन रिलेशनशिप' की संज्ञा दी गई है.
लेकिन आम जनता ने इन नेताओं को 'लिव-इन रिलेशनशिप' में होने की वजह से नकारा नहीं, ना ही इन नेताओं ने इस सच्चाई को कभी छिपाया.
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'रिश्ते में रोमांस का पुट बिल्कुल नहीं था'
बीबीसी संवाददाता रेहान फ़ज़ल के साथ बातचीत में एक बार जया जेटली ने इस रिश्ते को कुछ यूं उकेरा था, कई किस्म के दोस्त हुआ करते हैं और दोस्ती के भी कई स्तर होते हैं. महिलाओं को एक किस्म के बौद्धिक सम्मान की बहुत ज़रूरत होती है. हमारे पुरुष प्रधान समाज के अधिकतर लोग सोचते हैं कि महिलाएं कमज़ोर दिमाग और कमज़ोर शरीर की होती हैं. जॉर्ज वाहिद शख़्स थे जिन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि महिलाओं की भी राजनीतिक सोच हो सकती है."
राजनीतिक काम के चलते हुई ये दोस्ती समय के साथ गहरी हुई. जब जया और उनके पति अशोक जेटली अलग हो गए और जॉर्ज और उनकी पत्नी लैला कबीर अलग हो गए, तब 1980 के दशक में जया जॉर्ज के साथ रहने लगीं.
जया ने कहा उनके रिश्ते में “रोमांस का पुट बिल्कुल नहीं था” पर लोग बहुत बातें बनाते थे. तो जॉर्ज उन्हें कहते थे कि राजनीति फूलों की सेज नहीं है, इसलिए इंतज़ार मत करो कि कोई आपका बिस्तर ठीक करेगा.
जॉर्ज के साथ रहना उनका अपना फ़ैसला था. जया कहती हैं कि जॉर्ज ने साफ़ कहा था कि बहुत मुश्किल लगने लगे, तो वो छोड़ के जाने के लिए आज़ाद हैं.
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इमेज कॉपीरइटJAYA JAITLYतब का माहौल आज की तरह नहीं था
अब से 30 साल पहले, जब 'लिव-इन रिलेशनशिप' के बारे में ना ख़ुली बहस थी, ना ख़ुली सोच और ना ही सुप्रीम कोर्ट के किसी फ़ैसले या घरेलू हिंसा के क़ानून के ज़रिए इसे क़ानूनी मान्यता मिली थी.
अब क़ानून की नज़र में लंबे समय तक साथ रह चुके मर्द और औरत को शादीशुदा माना जाता है, उनकी संतान जायज़ मानी जाती है और ऐसे रिश्ते में रहने की बिनाह पर 'पत्नी' की ही तरह, औरत घरेलू हिंसा की शिकायत कर सकती हैं.
पर तब नहीं. और तब ये दोनों नेता अपने शीर्ष पर थे, जॉर्ज फ़र्नांडिस रक्षा मंत्री थे और जया जेटली समता पार्टी की अध्यक्ष.
लेखिका और स्तम्भकार शोभा डे कहती हैं कि जया जेटली और जॉर्ज फ़र्नाडिस सिर्फ़ समता पार्टी में 'साथ काम करनेवाले' सहयोगी नहीं थे, उनके बीच का रिश्ता सिर्फ़ समाजवादी विचारधारा से जुड़ा नहीं था.
उनके बीच गहरे संबंध थे, जो कि जगज़ाहिर थे और उन्होंने ये कभी छिपाने की कोशिश नहीं की.
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इमेज कॉपीरइटSHAMIKA ENTERPRISESImage caption फिल्म अभिनेत्री राधिका इन रास्तों पर राजनेता
राजनीति जैसे सार्वजनिक जनहित के काम से जुड़े लोग अपनी निजी ज़िंदगी के बारे में 'पाक साफ़' छवि बनाना पसंद करते हैं.
अमरीकी राजनीति में पति-पत्नी और बच्चों समेत पूरा परिवार होना किसी भी राजनेता के लिए एक उप्लब्धि जैसा माना जाता है और वो अपने प्रचार में इसका इस्तेमाल भी करते हैं.
भारत में भी परिवार का ऊंचा दर्जा है. 'लिव-इन रिलेशनशिप' या दूसरी शादी को कुछ कमतर ही माना जाता है. पर राजनेता इन दोनों रास्तों पर चलते आए हैं और जनता ने उन्हें नहीं ठुकराया है.
कर्नाटक के मुख़्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के अभिनेत्री राधिका कुमारस्वामी के रिश्तों के बारे में भी कई कयास लगे पर व्हाट्सऐप पर बंट रहे चुटकुलों और सोशल मीडिया के गलियारों से आगे उनका असर नहीं दिखता.
एचडी. कुमारस्वामी ने सार्वजनिक तौर पर कभी राधिका कुमारस्वामी को अपनी पत्नी नहीं बताया है पर इस रिश्ते को नकारा भी नहीं है.
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इमेज कॉपीरइटPTIअटल बिहारी वाजपेयी का रिश्ता
आजीवन अविवाहित रहने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का राजकुमारी कौल के साथ रिश्ता हमेशा चर्चा में रहा, हालांकि वाजपेयी ने भी इस रिश्ते के बारे में कभी कुछ नहीं कहा.
दोनों ग्वालियर के मशहूर विक्टोरिया कॉलेज (रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) में साथ पढ़ते थे. बाद में राजकुमारी कौल और उनके पति से अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती और गहरी हो गई.
वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने तो श्रीमती कौल का परिवार 7 रेस कोर्स में स्थित प्रधानमंत्री आवास में ही रहने लगा. उनकी दो बेटियां थीं. जिनमें से छोटी बेटी नमिता को अटल ने गोद ले लिया था.
सैवी पत्रिका को दिए गए एक साक्षात्कार में श्रीमती कौल ने कहा, मैंने और अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी इस बात की ज़रूरत नहीं महसूस की कि इस रिश्ते के बारे में कोई सफ़ाई दी जाए."
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Image caption जॉर्ज फ़र्नांडिस की पत्नी लैला क़बीर के साथ जया जेटली समय का करवट
आम लोगों के मुकाबले राजनेताओं की निजी ज़िंदगी के लिए लोगों के अलग मापदंड हैं क्या? उनके निजी रिश्तों पर सवाल ना उठाना क्या अपने नेता को मान देना का एक तरीका है? या अपनी ज़िंदगी के रिश्तों से उलझते-सुलझाते उन्हें नेताओं के निजी जीवन से कोई सरोकार नहीं?
कम ही लोग जानते हैं कि साल 2010 में जॉर्ज फ़र्नांडिस की पत्नी लैला क़बीर ने जया जेटली के उनसे मिलने पर रोक लगवा दी थी.
साल 2008 में जॉर्ज को 'अलज़ाइमर्स' की बीमारी हो गई थी, उनकी याददाश्त और पहचानने की शक्ति जाती रही.
लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद 2014 में जया जेटली को हर 15 दिनों पर सिर्फ़ 15 मिनटों के लिए जार्ज फ़र्नांडिस से मिलने की अनुमति मिली.
पर जीवन कई करवट लेता है और मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में जया ने बताया कि जॉर्ज फ़र्नांडिस की मौत की ख़बर उन्हें लैला क़बीर ने ही दी और घर बुला लिया.
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