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एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption प्रतीकात्मक तस्वीरउत्तरी कश्मीर के सीमांत ज़िले बारामुला को चर
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तरी कश्मीर के सीमांत ज़िले बारामुला को चरमपंथी मुक्त होने का दावा किया गया है. दावा है कि जम्मू-कश्मीर का यह पहला ज़िला है जहां अब कोई चरमपंथी मौजूद नहीं है.
अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक़, डीजीपी दिलबाग सिंह ने बारामुला को चरमपंथी मुक्त ज़िला घोषित किए जाने की पुष्टि की है.
उन्होंने स्पष्ट किया है कि बारामुला चरमपंथी मुक्त ज़िला हुआ है न कि चरमपंथ मुक्त. डीजीपी ने कहा कि बारामुला ज़िले में बुधवार के ऑपरेशन में लश्कर के तीन चरमपंथी मारे गए थे.
दिलबाग सिंह ने दावा किया कि इनके मारे जाने के साथ ही बारामुला में सक्रिय सभी चरमपंथी मारे जा चुके हैं.
चरमपंथ प्रभावित बारामुला में ही 2016 में उड़ी के सैन्य कैंप पर चरमपंथी हमला हुआ था.
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जनसत्ता में छपी एक ख़बर के अनुसार, केंद्र सरकार की सभी भर्तियों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमज़ोर तबक़े को 1 फ़रवरी से 10 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा.
हाल में सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10 फ़ीसदी आरक्षण को लेकर संसद में क़ानून पारित हुआ है.
कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि 1 फ़रवरी 2019 या इसके बाद से अधिसूचित होने वाली सभी सरकारी नौकरियों की भर्ती में ये लागू किया जाएगा.
इमेज कॉपीरइटReutersचंदा कोचर के ख़िलाफ़ केस दर्ज
इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के मुताबिक़, सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह को क़र्ज़ देने में कथित अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोपों में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया है.
इसके अलावा सीबीआई ने मुंबई समेत महाराष्ट्र में चार जगहों पर छापेमारी भी की है.
जिन जगहों पर तलाशी ली गई है उनमें वीडियोकॉन समूह के नरीमन प्वाइंट और औरंगाबाद कार्यालय, न्यूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड और सुप्रीम एनर्जी के कार्यालय शामिल हैं.
वीडियोकॉन समूह को साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने कुल 3250 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया था. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि इस फ़र्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए आपराधिक साज़िश के तहत दूसरे अभियुक्तों के साथ मिलकर क़र्ज़ की राशि जारी की गई.
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इमेज कॉपीरइटAFP/Getty Imagesखदान से 42 दिन बाद पहला शव
टाइम्स ऑफ इंडिया में पहले पन्ने पर लगी एक ख़बर के अनुसार, मेघालय के लुमथरी गांव के नज़दीक मौजूद अवैध रैट होल खदान से 42 दिनों के बाद पहला शव बाहर निकाला गया है.
16 जनवरी को बचाव दल ने खदान के भीतर एक शव का पता लगाया था लेकिन खदान में ज़हरीली गैस और पानी भरे होने के कारण शव को निकाला नहीं जा सका था.
अधिकारियों का कहना है कि शव के क्षत-विक्षत हालत में होने के कारण इसकी पहचान करना मुश्किल है.
बीते साल 13 दिसंबर को 15 लोग खदान के भीतर कोयला निकालने गए थे लेकिन खदान में पानी भरने के कारण वो निकल नहीं पाए थे.
उन्हें बचाने के लिए भारतीय नेवी और एनजीआरएफ़ का संयुक्त बचाव अभियान चलाया गया था.
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